पहले शासन ने गरीब की थॉली से रोटी गायब किया और अब जो चॉवल मिल रहा है वो भी गुणवत्ता विहीन है। ऐसे में गरीब तबका सरकारी उचित मूल्य की दुकान से मिल रहे राशन से संतुष्ठ नजर नही आ रहा है। वर्तमान समय में राशन दुकानों से बढ़ रहे चॉवल की घटिया क्वॉलिटी को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि इसे मवेशी भी नही खा पायेंगे। गौरतलब है कि नगर के वार्ड नं.१,२,३ की सेवा सहकारी समिति में जो राशन में चॉवल आया है। वो इतना दोयम दर्जे का है जिसे गरीब तबका खाने से गुरेज कर रहा है। इस चॉवल को लेने वाले पात्र हितग्राहियों का साफ तौर कहना है कि बीते ५ माह से उन्हे राशन दुकान से गेहूॅ प्राप्त नही हुआ वही अब चॉवल की गुणवत्ता भी दोयम दर्जे की है जिसे हम खा तक नही सकते।
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये वार्ड नं.२ निवासी नंदराम डेकाटे ने बताया कि अभी हॉल ही में हमें राशन दुकान से जो चॉवल मिला है। वो घटिया किस्म का है। हम लोग गरीबी रेखा के नीचे आते है। हमे राशन से जो कुछ भी प्राप्त होता है उससे ही हमारे घर में भोजन पकता है। मगर इस बार जो शासन की तरफ से चॉवल राशन दुकानों को आवंटित हुआ है वो खाने लायक नही है। हम इस चॉवल को बाहर बेच भी नही सकते। इसलिये हम अपने घर के जानवरों को खिला रहे है। हम शासन से मांग करते है कि इस माह का राशन जो हमारा निर्धारित कोटा है पुन: हमे दिया जाये। वर्तमान समय में हमारे द्वारा बाजार से चॉवल लाकर खाया जा रहा है जो काफी महंगा पड़ रहा है। ऐसे में हमारी गृहस्थी का पूरा बजट बिगड़ गया है।
चॉवल से संबंधी कोई शिकायत मेरे संज्ञान में नही है – एसके भलावी
वही इस मामलें में जब खाद्य निरिक्षक एसके भलावी से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि ऐसी कोई शिकायत चॉवल संबंधी मेरे संज्ञान में नही आयी है। अगर कुछ राशन दुकानों से जो चॉवल वितरित किया गया है उस दुकान के पात्र हितग्राही उन्हे बकायदा शिकायत कर सकते है ताकि वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की सूचना दे सकू। उन्होने एक सवाल के जबाव में कहां कि हितग्राहियों से चॉवल वापस लेकर उन्हे अच्छा चॉवल देने की तो यह उनके हाथ में नही है। ऊपर से जो राशन दुकानों में चॉवल पहुॅचा है उसी का वितरण किया जा रहा है। फिर भी उनसे जो बन पड़ेगा उसके लिये वे प्रयास करेंगे।










































