अल्फाबेट का गूगल जल्द ही ऑनलाइन एडवरटाइजिंग सर्विस में बदलाव करेगा। गूगल ने सोमवार को फ्रांस के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ऑथॉरिटी के साथ समझौते में इस पर सहमति जताई है। इसके कुछ टूल्स बड़े पब्लिशर के लिए जरूरी हैं। जिसे देखते हुए फ्रांस की ऑथॉरिटी ने गूगल के माउंटेन व्यू की कैलिफोर्निया वाली कंपनी की जांच की। जिसमें पाया गया कि इसने ऑनलाइन एडवरटाइजिंग बिजनेस में अपने मार्केट की पावर का गलत इस्तेमाल किया है। जिसे देखते हुए इस पर लगभग 195 करोड़ रुपए (220 मिलियन यूरो) का जुर्माना लगा दिया गया।
पब्लिशर को फायदा होगा
इस जुर्माने को पब्लिशर के पक्ष में देखा जा रहा है। इंटरनेट के आने से पहले पब्लिशर का इस बिजनेस में दबदबा था। लेकिन गूगल और फेसबुक के आने से इन्हें काफी नुकसान हुआ है। फ्रांस की कंपटीशन ऑथॉरिटी की जाँच उन टूल पर फोकस थी, जो गूगल पब्लिशर्स को ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट को बेचने और ऑनलाइन ऑफर को मैनेज करते हैं।
गूगल ने इसका विरोध नहीं किया है
गूगल के समझौते से पता चलता है, कि एंटीट्रस्ट के जुर्माने को मान लिया है। अब वह अपने कुछ सबसे पॉपुलर डेटा को स्टोर करने वाले एडवरटाइजिंग बिजनेस टूल के काम करने के तरीके को बदल रहा है।
गूगल Adx के डाटा को बोली लगाकर बेचता था
वॉचडॉग ने पाया कि गूगल एडवरटाइजिंग मैनेजर बड़े पब्लिशर्स के लिए एडवरटाइजिंग मैनेजमेंट वाली खुद की ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट AdX को सपोर्ट करते हैं। जहाँ पब्लिशर्स रियल टाइम में एडवरटाइजिंग के लिए जगह बेचते हैं। ये पूरे प्लान के अनुसार AdX के डेटा को बोली लगाकर बेचते हैं।
वॉचडॉग ने यह भी कहा कि Google AdX ने खासतौर पर सेल-साइड प्लेटफॉर्म (SSP) की तुलना में गूगल को बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी फीचर देता है। यह खास तरह की ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो पब्लिशर्स को खरीदारी के लिए अवेलेबल एडवरटाइजिंग जगह को मैनेज करने , उन्हें एड देन और उससे पैसा कमाती है।
पिछले साल 314 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था
फ्रांस में डेटा निजता की निगरानी करने वाली इकाई CNIL ने गूगल पर 10 करोड़ यूरो (करीब 900 करोड़ रुपए) और Amazon पर 3.5 करोड़ यूरो करीब (314 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगा चुकी है। दरअसल कंपनी ने इस बार यूजर्स की जानकारी के बिना ही उसकी कुकीज का इस्तेमाल किया था।