गो ग्रीन वेयर हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर एफआईआर दर्ज

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पुलिस थाना वारासिवनी में एमपीडब्लूएलसी की शिकायत पर गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ करोड़ों रुपए की धान का गबन करने एवं लापरवाही बरतने से होने वाली नुकसानी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। यह अपराध जिला कलेक्टर के आदेश एवं मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन बालाघाट के जिला प्रबंधक रमेश पिता स्वर्गीय मिलखीराम पटले उम्र 56 वर्ष निवासी पॉलिटेक्निक कॉलेज बालाघाट की शिकायत एवं विभाग के जांच प्रतिवेदन पर गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, स्टेट हेड, कंपनी सुपरवाइजर सहित अन्य के खिलाफ किया गया है। विदित हो कि बालाघाट जिला मध्य प्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादक जिला है। जहां शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जाती है गत वर्ष लगभग 4-5 अरब रूपयों की धान जिसकी मात्रा लगभग 40 लाख मैट्रिक टन के आसपास खरीदी कर जिन्हें खुले केप में रखवाया गया था। लेकिन धान के रखरखाव देखरेख सुरक्षा के उचित प्रबंध ना किये जाने के चलते करोडों रूपयों की धान खुले आसमान के नीचे रखी रही और बरसात में भीगकर सड़ गई। यह लापरवाही का यह सिलसिला बरसों से चल रहा है प्रतिवर्ष इसी प्रकार करोडों रूपयों की धान ऐसी ही लापरवाही के चलते बरबाद की जा रही है।

यह है मामला

यहां यह बताना लाजिमी है कि मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन के गोदाम का संचालन अनुबंध के तहत अहमदाबाद की कंपनी गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। जिसकी शिकायत मिलने पर एमपीडब्लूएलसी के द्वारा जांच की गई और उसमें पाया गया कि एमपीडब्ल्यूएलसी के जिन वेयरहाउस गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पीएमएस योजना से संचालित किया जा रहा था उसमें भंडारण स्कंध को जानबूझकर खुर्द बुर्द किया गया है। शासकीय उपार्जित स्कंध के भंडारण करवा रही कंपनी व उसके द्वारा नियुक्त कर्मचारियों के द्वारा निजी लाभ के लिए ओपन केप पर भंडारित शासकीय धान के संरक्षण में अनियमितता बरती गई है। जिसकी वजह से 6632.048 मेट्रिक टन धान जिसकी कीमत 12.866 करोड़ रुपए है उसे खुर्द बुर्द कर दिया गया है वहीं 39898 मेट्रिक टन धान जिसमें कीमत करीब 0.077 करोड़ है वह धान नष्ट हो गई है। जो गो ग्रीन के कर्मचारी अनुबंध कंडिका 4.1 के तहत नियुक्त मुख्यालय भोपाल स्तर पर नियुक्त अधिकारी कर्मचारी के संरक्षण में मिली भगत से कंपनी मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा अपराधी षड्यंत्र कर धान की अफरा तफरी कर क्षति पहुंचाई गई है। जिनके खिलाफ एमपीडब्ल्यूएलसी के द्वारा भादवी 1961 अधिनियम की धारा 409 120 भी 427 के तहत अपराध दर्ज करने की मांग की गई थी।

इनके ऊपर हुआ अपराध दर्ज

जिले में लगभग 13 करोड़ रूपये की धान की रखरखाव में लापरवाही किये जाने के मामले में धान भण्डारण करने वाली कंपनी गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय, कपनी के सलाहकार अखिलेश बिसेन तीनों निवासी नवरंगपुरा अहमदाबाद शहर गुजरात सहित अन्य के खिलाफ स्टेट वेयर हाउसिंग लाजिस्टिक कारपोरेशन बालाघाट के जिला प्रबंधक रमेश पटले की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करवायी गयी है। पुलिस ने विभाग की शिकायत व जिला कलेक्टर के आदेश नामजद 3 लोगो सहित अन्य पर भादवि की धारा 406 409 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया गया है।

इन 10 केदो में धान का हुआ गबन

गैरतलब है कि जिले में एमपीडब्लूएलसी ने उपार्जित धान के भण्डार का अनुबंध गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड से किया गया था। जिसके द्वारा जिले के डोगरिया में 13134, खापा 1 में 60147, खापा 2 में 45718, भेण्डारा में 9078, चिकमारा में 19773, मोहाडी में 23489, वारा में 5686, पालडोंगरी में 11643, नंदलेसारा में 20340, डोंगरिया परसवाड़ा में 18687 मेट्रिक टन धान भंडार है। इस प्रकार कुल 237735.955 मेट्रिक टन धान 10 ओपन कैप में भंडारी किया गया था लेकिन कंपनी द्वारा खुले आसमान के नीचे ओपन कैप में रखी गई धान को फटी त्रिपाल से ढांक दिया गया। जिसके कारण बारिश और कड़ी धूप में 39898 मेट्रिक टन यानी 0.077 करोड रुपए की धान खराब हो गई। वही कुल स्टॉक 237735.955 मेट्रिक टन धान में से 6632.48 मेट्रिक टन धान की कमी पाई गई जिसकी कीमत 12.886 करोड रूपये बताई गई है। इसके लिये अनुबंधित फर्म को जिम्मेदार मानते हुए उससे वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।

जिला प्रबंधक की जांच पर अपराध दर्ज किया गया – शंकर सिंह चौहान

वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि बालाघाट जिले में जो समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाती है उसके रखरखाव के लिए गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से अनुबंध किया गया था। इनकी जिम्मेदारी थी कि जितना धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है उसकी सुरक्षा व रखरखाव करना। लेकिन गो ग्रीन वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अनुबंध की शर्तों के मुताबिक धान को सुरक्षित नहीं रखा इस संबंध में मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन के जिला प्रबंधक ने एक जांच करी थी जिसमें कंपनी की अनियमित पाई गई की धान में पानी घुसना, धान का बिखरा होना जैसी अन्य लापरवाही हुई है जिससे बड़ी संख्या में धान खराब हुआ है। जिसमें जिला प्रबंधक की जांच रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किया गया है।

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