ग्राम कोसमी में नहीं थम रहा डायरिया

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डायरिया नामक बीमारी के चलते पिछले कुछ दिनों से ग्राम पंचायत कोसमी सुर्खियों में है।जहा ग्राम पंचायत कोसमी में डायरिया नामक बीमारी फैले आज 5 दिन बीत चुके हैं। जहां 5 दिन बाद भी कोसमी में डायरिया के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।जहां से रोजाना ही बड़ी संख्या में डायरिया से पीड़ित मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। जबकि इस बीमारी के चलते कोसमी वार्ड नंबर 11 निवासी जय श्री पिता वेद प्रकाश मिश्रा उम्र 11 वर्ष की 10 जुलाई को मौत भी हो चुकी है।ग्राम कोसमी में इस डायरिया नामक बीमारी फैले 5 दिन बीत चुके हैं बावजूद इसके भी अब तक इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि गांव में यह बीमारी कैसे फैली है। इस बीमारी के फैलने को लेकर हर किसी के अलग-अलग तर्क सामने आ रहे हैं ।कोई इसे पानी से फैली बीमारी बता रहा है। तो कोई मौसमी प्रकोप बता रहा है। वही पीएचई टीम द्वारा पूर्व में की गई लैब जांच में पानी साफ सुथरा व शुद्ध होना बताया है। तो वहीं स्थानीय प्रतिनिधि इसे पानी से फैली ही बीमारी बता रहे हैं।कुल मिलाकर कहा जाए तो यह बीमारी गांव में कैसी फैली इसका कोई ठोस प्रमाण किसी के पास नहीं है और यह बीमारी रोजाना ही बढ़ती जा रही है। जिसपर पंचायत से लेकर स्वास्थ्य विभाग, एचपी विभाग सहित शासन प्रशासन के अन्य अधिकारी कर्मचारी हर कोई हैरान है।वही लाख कोशिशें के बावजूद भी इस बीमारी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वहीं मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा देखा जा रहा है जो काफी चिंता का विषय है।

शनिवार दोपहर तक कि स्थिति
शहर के समीपस्थ की ग्राम पंचायत कोसमी में डायरियां प्रभावितों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व से ही जिला अस्पताल में 35 मरीज उपचार करवा रहे हैं। वहीं शुक्रवार की रात से शनिवार की सुबह 09 बजे तक करीब 23 और मरीजों को कोसमी शिविर से जिला अस्पताल रेफर किया गया है।कोसमी पंचायत में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 11 से 13 जुलाई तक 277 ग्रामीणों की जांच की गई। इनमें करीब 265 लूजमोसन की समस्या से ग्रसित सामने आए। 11 जुलाई तक जिला अस्पताल में 75 मरीज भर्ती कराए गए थे। हालात में सुधार होने पर मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिला अस्पताल में प्रभावितों की संख्या घटकर 35 हो गई थी।उधर शुक्रवार की रात में 23 मरीज सामने आए। अब 58 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर उनका उपचार किया जा रहा है।

गाँव मे डायरिया क्यो फैला,नही निकला निष्कर्ष
इस पूरे मामले पर यदि गौर किया जाए तो अब तक इस निष्कर्ष पर कोई नहीं पहुंचा है कि गांव में डायरिया कैसे फैल गया। जहां बीमारी फैलने को लेकर लोगों के अलग-अलग मत है तो वही विभाग भी अपनी डफली अपना राग गा रहा है।डायरियां प्रकोप के पूरे प्रकरण में अब तक गांव में डायरियां फैलने का कारण सामने नहीं आ सका है। पंचायत प्रतिनिधि गांव में स्वच्छता के लिए काम करने की बात कह रहे हैं। पीएचई विभाग पानी को गुणवत्ता पूर्ण ठहरा रहा है। ऐसे में डायरियां कैसे पूरे गांव में फैला, मरीजों की संख्या क्यो बढ़ रही है यह किसी के समझ में नहीं आ रहा है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी, एसडीएम व अन्य अमले को भी कारण जानने में पसीना छूट रहा है। कारण यहीं है कि आज 5 दिन बाद भी अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं।

रोजाना बढ़ रही प्रभावितों की संख्या
स्वास्थ्य अमले के अनुसार 23 नए मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोसमी के प्रत्येक वार्ड में घर-घर पहुंचकर सर्वे कर रही है। इनमें प्रभावितों की जानकारी ली जा रही है। साथ ही निजी अस्पतालों में उपचार कराने पहुंचे मरीजों की जानकारी भी एकत्रित भी की जा रही है। डायरियां के लक्षण समझ आने पर ग्रामीण को शिविर भिजवाया जा रहा है। ऐसे में आगामी समय में और मरीज सामने आने की बात कही जा रही है

पीएचई की जांच पर उठ रहे सवाल
उधर इस पूरे प्रकरण में एसडीएम, जनपद और स्वास्थ्य विभाग का अमला युद्ध स्तर पर कार्य करता नजर आया। शनिवार को भी एसडीएम गोपाल सोनी, तहसीलदार और जनपद सीईओ ममता कुलस्ते शिविर स्थल पर पहुंचकर दिशा निर्देश देते नजर आए। लेकिन पीएचई विभाग का ढिलमुल रवैया नजर आया। पीएचई कर्मचारियों ने पानी टंकी और बोर से सेम्पल लेकर पानी की गुणवत्ता अच्छी होना घोषित कर दिया था।जिसकी बकायदा लैब टेस्ट रिपोर्ट भी सार्वजनिक की गई।लेकिन शनिवार को ग्रामीणों और कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस जांच रिपोर्ट से असंतुष्टि जाहिर की। पीएचई कर्मचारी पुन: सेम्पल लेकर जांच करवाने की बात कहते नजर आए। जिन्होंने इस बार जिपं सदस्य प्रतिनिधि मुकेश माहूले, गगन नगपुरे व मीडिया की उपस्थिति में पाइप लाइन और प्रभावित इलाकों से पानी के सेम्पल एकत्रित किए हैं। इन सेम्पलों की रिपोर्ट रविवार की शाम तक आने की बात कही गई है।

नाली में बिछाई गई है पाइप लाइन,
शनिवार को कोसमी क्षेत्र के डायरियां प्रभावितों इलाकों का मुआयना किया। इस दौरान पेयजल पाइप लाइन और स्वच्छता की स्थित दयनीय नजर आई। गांव के अधिकांश इलाकों में नाली के नीचे से पेयजल की पाइप लाइन खींच दी गई है। ग्रामींण नालियों में बर्तन रखकर पानी भरा करते हैं। पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने और उसमें निस्तार के दूषित जल का रिसाव होने की आशंका भी नजर आई। गांव में कचरा पेटी का अभाव देखा गया।उधर कुछ इलाकों में सडक़ किनारे और खाली प्लाट में कचरे का ढेर व गंदगी का अलाम नजर आया।

नल में गंदा पानी आ रहा है, हमने नहीं भरे-लक्ष्मीबाई
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण महिला लक्ष्मीबाई ने बताया कि आज दो दिन बाद नल में पानी आया था लेकिन नल का पानी काफी गंदा आ रहा था इसीलिए उन्होंने नहीं भरा, बल्कि पीने और अन्य निस्तार के लिए पानी उन्होंने बोर से लाया है। उन्होंने आगे बताया कि नल में पानी काफी गंदा आ रहा है बीमारी हो रही है इस व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।

हम पीएचई जांच से सन्तुष्ट नही है, दूषित पानी से ही बीमारी फैली है- माहुले
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि मुकेश माहुले ने बताया कि हम पीएचई विभाग की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। पानी टंकी व बोर से सेम्पल लेकर औपचारिता निभा दी गई है। हो सकती है पाइप लाइन लीकेज हो वहां से दूषित पानी घरों में सप्लाई हो रहा हो। नालियों से पाइप लाइन गुजरी है। गांव में गंदगी का बेजा आलम है। ग्रामीणों के हितार्थ काम करना चाहिए। लेकिन यह लोग पीएचई विभाग की ओके रिपोर्ट दिखाकर वाहवाही लूट रहे हैं जबकि यह वाहवाही लूटने का समय नहीं है पानी में ही गड़बड़ी है उसी से डायरिया फैला है और उसी से ही मौत हुई है इसकी उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए।

पुनः सेम्पल लिए जा रहे है- धमनियां
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पीएचई विभाग के उपयंत्री एके धमनियां ने बताया कि कोसमी के सभी 38 हैंडपंपों को क्लोरीनेशन किया गया है। वहीं चार सरकारी कुओं में भी दवा का छिडक़ाव किया गया है। जनपद के माध्यम से दूषित नालियों और गंदगी वाले स्थानों पर दवा का छिडक़ाव किया गया है। इन सबके अलावा 05 किमी. में फैली पेयजल पाइप लाइन के विभिन्न स्थानों से पानी के पुन: सेम्पल लिए जा रहे हैं। पानी टंकी, बोर के अलावा हम प्रभावित इलाकों और पाइप लाइन से भी सेम्पल एकत्रित कर रहे हैं। रविवार की शाम जांच रिपोर्ट आएगी। तब देखते हैं क्या सामने आता है।

पानी मे कोई समस्या नही पता कैसे फैल गई बीमारी – गगन नगपुरे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम कोसमी सरपँच गगन नगपुरे ने बताया कि साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है।पानी जांच की रिपोर्ट भी ओके आई है।समझ नही आ रहा है कि यह बीमारी कैसे फ़ैल गई।हो सकता है कि इन्होंने बाहर से कुछ खाया होंगा गुपचुप या बहार की दुकानों में गंदगी रहती है।उन्होंने भी इसका ध्यान रखना चाहिए।हम इस बीमारी के कारणों का पता कर रहे है।प्रशासन भी कारणों का पता लगा रहा है।लेकिन समस्या का पता नही लग पा रहा है।

कारण स्पष्ट नहीं है कि डायरिया कैसे फैला- सोनी
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि हम पूरे समय शिविर और गांव में नजर बनाए हुए हैं। स्थिति नियंत्रण में है। मरीज सामने आने पर जिला अस्पताल रेफर करवाकर उपचार करवाया जा रहा है। घर-घर सर्वे कर मरीजों का पता भी लगाया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल कारण स्पष्ट नहीं है की गांव में बीमारी कैसे फैली है इसके लिए जांच कराई जा रही है ।पीएचई विभाग से अधिकारी बुलाकर सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं गांव में बने घुड़ो से भी पानी दूषित हो सकता है खान-पान में समस्या आने पर यह बीमारी हो सकती है यदि हम साफ सफाई रखें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। हम इस पर निगाहें बनाए हुए हैं लेकिन फिलहाल नहीं कह सकते कि यह बीमारी किस वजह से हुई है।

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