ग्राम पंचायत झालीवाड़ा अंर्तगत आने वाली राज घाट टोली के वासी आज भी बाघ की दहशत में जीने मजबूर है। इस टोली के रहवासी बाघ की आमद से सहमे होने के कारण घर के सामने लकड़ी की सहायता से आग लगाकर रतजगा कर रहे है। यह राजटोली ग्राम पंचायत झालीवाड़ा व बघोली अंर्तगत आने वाले ग्राम हिराटोला के बीच पड़ती है जो जंगल के बीच में स्थित है। ऐसे में इस टोली में निवासरत लोगो का कहना है कि हर एक दो दिन में बाघ की आमद हमारे ग्राम की इस टोली में होती है जो जंगली जानवरों का शिकार कर इसी ग्राम सहित इससे सटे अन्य ग्रामों में बनी हुई है। जिसकी वजह से वे काफी दहशत में है और वन विभाग को कई बार विचरण कर रहे इस बाघ का रेस्क्यू करने का अनुरोध कर चुके है मगर वन विभाग गस्त पर आता जरूर है मगर हमारी इस समस्या का समाधान नही कर पा रहा है।
बीते दिवस भी दिखाई दिया बाघ – बुधराम
पद्मेश को जानकारी देते हुये बुधराम वरकड़े ने बताया कि हम लोग राज घाट टोली में कई वर्ष से जीवन यापन कर रहे है। बीते ३ माह से इस राज घाट टोली में बाघ का आंतक है। जिसके द्वारा २ गाये व कुछ बकरियों को अपना शिकार बीते कुछ माह में बनाया गया है। वर्तमान समय में भी उसकी आमद है। हॉल ही में बीते दिवस वो हमारी टोली के आसपास घूमता दिखाई दिया है। जिसकी सूचना हमारे द्वारा वन अमले को दी गई थी जिसके बाद वन अमला ग्राम मूें पहुॅचा और सर्चिंग अभियान चलाया मगर तब तक बाघ अन्य ग्राम की तरफ प्रस्थान कर गया था। श्री वरकड़े ने बताया कि राज घाट टोली ग्राम पंचायत झालीवाड़ा के अंर्तगत आती है मगर इस टोली से बासी, बघोली, हिराटोला, पौनेरा जैसे ग्राम भी आते है इन्ही ग्रामों में बाघ का आंतक मचा हुआ है।
ग्राम के आसपास सटी पंचायत में ही घूम रहा बाघ -चित्रसेन
इसी तरह हिराटोला वासी चित्रसेन पारधी ने पद्मेश को बताया कि बाघ की दहशत की वजह से हम लोग घर के सामने लकड़ी जलाकर रहते है। बाघ बघोली के हिराटोला, बासी, अंसेरा, पौनेरा में ही घूम रहा है। बीते दिवस वो रोड़ पर ही खड़ा था। हम लोग वारासिवनी से रात्री में कर्म मर्तबा आना जाना करते है। हम लोग चाहते है कि वन विभाग इस बाघ का रेस्क्यू कर इसे अन्यत्र स्थान पर छोड़ दे। आगामी समय शादी ब्याह का है ऐसे में हमारे कुछ ग्राम वन्य ग्राम में शामिल है। ग्रामीण जन आयोजन से अगर अपने ग्राम लौट रहे है तो कही कोई घटना बाघ कारित न कर दे। जिसकी वजह से हम लोग इस बाघ को अन्यत्र स्थान पर छोडऩे की बात कह रहे है।
पानी व चीतल है पर्याप्त मात्रा में
यहां यह बताना लाजमी है कि बाघ ने जो अपना घरोंदा वर्तमान समय में बनाया है उसके नजदीक पानी के तालाब है। जहां हिरणो का झुंड अपनी प्यास बुझाने आता है। ऐसे में ही बाघ उन्हे अपना शिकार बनाता है। जब उसे शिकार नही मिल पाता तो वो बस्ती की तरफ आ जाता है। जिससे कई ग्रामों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
वन विभाग को बाघ का रेस्क्यू करने वन विभाग को दी गई सूचना – सचिव
इस संबंध में ग्राम पंचायत झालीवाड़ा के सचिव रमेश कुमार इंदुरकर ने पद्मेश को बताया कि हॉल ही में बाघ ने अपनी आमद राजघाट टोली में दी थी जिसकी सूचना हमने वन अमले को दे दी थी। वन अमला मौके पर पहुॅचा और ग्रामीणों से चर्चा कर जंगल की तरफ चले गया। हम चाहते है कि इस बाघ का वन अमला रेस्क्यू करे ताकि ग्रामीण दहशत में न रहे। हम पंचायत के माध्यम से भी सरपंच महोदया के सहयोग से सुरक्षा के हर मापदंड अपना रहे है। हम चाहते है कि इस बाघ का रेस्क्यू होना चाहिये क्योंकि इसने इस इलाके में अपना घर बना लिया है। क्योकि हमारे जंगलो में हिरण व जंगली सूअर बड़ी तादाद में है जो इसका पसंदीदा भोजन होता है।