ग्वालियर चंबल संभाग में बाढ़ से व्यापक नुकसान हुआ है। जगह-जगह सड़क मार्ग कट गए हैं, कई बड़े पुल व सैकड़ों पुलियां भी बह गई हैं। लोगों को लंबा चक्कर लगाकर दूसरे मार्गो से आना पड़ रहा है। क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत करने पीडब्ल्यूडी का सेतु संभाग अमला जुटा हुआ है। इन पुल एवं पुलियाओं को 10 से 15 दिनों में दुरुस्त कर दिया जाएगा। वहीं सड़कों की मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। एक-दो माह में सड़कों से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। अंचल में रतनगढ़ का बड़ा पुल, सेवढ़ा में सनकुआं क्षेत्र का लांच-पिछोर पुल बाढ़ के बहाव में टूटकर बह गए थे। वहीं जो पुल डूबने वाले डिजाइन से बने थे, वह बाढ़ के बहाव को झेल गए, लेकिन पानी की तेज टक्कर के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन पुलों की सड़कों पर गढ्डे हो गए हैं, कई जगह सड़क कट भी गई है।
मुरैना: क्वारी नदी पर बने तीन पुल क्षतिगस्त हुए हैं। इनमें नेपरी पुल और दिमनी पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हुई है। यहां मरम्मत के बाद पुलों पर आवागमन शुरू कर दिया गया है। जौरा में तोर तिलावली पुल क्षतिग्रस्त है, इस पर आवागमन बंद है। पहाड़गढ़ क्षेत्र में ग्राम कहार, गेहतोली की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बंद है। जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की करीब 20 व पीडब्ल्यूडी की 12 से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है। सबलगढ़ से कैलारस हाईवे पर कटाव व गढ्डे हो गए हैं। जिले में 70 किमी सड़के क्षतिगस्त हुई हैं।
श्योपुर: कूनो नदी का छोटा पुल और श्योपुर-बारां मार्ग में पार्वती नदी का कुहांजापुर पर छोटा पुल कट गया है। गोरस नदी का पुल भी क्षतिग्रस्त है। इन पुलों पर मरम्मत कार्य चल रहा है। सेतु निर्माण विभाग 10 दिनों में यहां आवागमन शुरू करने की बात कह रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 12 जगह पुलिया टूटी हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की तीन सड़क व जिले में करीब 38 किमी की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं चंबल दाहिनी मुख्य नहर 10 से ज्यादा जगहों पर 50-50 मीटर से अधिक लंबाई में क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे चंबल कमांड एरिया में सिंचाई प्रभावित हो सकती है।
दतिया: रतनगढ़ का बड़ा पुल, सेवढ़ा सनकुआं क्षेत्र का पुल एवं लांच-पिछोर का पुल बह गए हैं। दो पुलिया भी टूटी हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की एक सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। जिलें में कुल करीब 138 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। इंदरगढ़-पिछोर, दतिया-सेवढ़ा, सेवढ़ा बाइपास सड़कें पूरी तरह उखड़ गई हैं। आरडीसी के रीजनल मैनेजर राजीव श्रीवास्तव का कहना है इन्हें बनाने में करीब तीन माह लग सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री मनीष उदैनिया का कहना है एक माह में सड़कें ठीक कर ली जाएंगी। इनमें कुछ सड़कें एमपीआरडीसी (मप्र रोड डबलपमेंट कार्पोरेशन) के तहत आती है।
शिवपुरी: जिले में करीब 40 पुल-पुलिया और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसमें पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका, नेशनल हाईवे की सड़कें शामिल हैं। नरवर और मगरौनी के बीच पुल टूटने से आवागमन बंद है। नरवर के पास मड़ीखेड़ा पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं खनियांधाना-कदवाया रोड भी क्षतिग्रस्त है। 10 माह पहले शुरू हुआ शिवपुरी फोरलेन बायपास भी धसक गया है। पोहरी क्षेत्र में कूनो पर बना पुल क्षतिग्रस्त है। पोहरी-छर्च के बीच पार्वती नदी पर बनी कई पुलियां भी टूट गई हैं। यहां मरम्मत कार्य शुरू हो गया है। जिले में 50 किमी सड़के क्षतिगस्त हुई हैं।
भिंड: भिंड-जखमौली मार्ग व लहार-अमायन मार्ग सहित जिले के 10 मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सिंध नदी पर बने जखमौली और इंदुर्खी पुल बाढ़ में बह गए। ज्वाइंट कलेक्टर वरुण अवस्थी का कहना है पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़कों का सर्वे किया जा चुका है, जल्द इनका निर्माण कराया जाएगा।
ग्वालियर: डबरा, भितरवार, घाटीगांव ब्लॉक की करीब 29 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई स्थानों पर इन बाढ़ से सड़कें बह गई हैं। इन सड़कों पर बने छोटे पुल व पुलियाएं भी टूट गई है। तीनों ब्लॉक में 37 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं।
बाढ़ के कारण पुल व पुलिया टूट कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिन पुलों की छत बही है, उन्हें जल्द ठीक करा दिया जाएगा। कुछ पुलों को बनाने में समय लगेगा। कितना समय लगेगा, यह अभी नहीं बताया जा सकता। अंचल में कई जगह मरम्मत कार्य प्रांरभ कर दिया गया है, करीब 15 दिनों में आवागमन चालू हो जाएगा।
जिन स्थानों पर नुकसान हुआ है वहां का लगभग आंकलन किया जा चुका है, साथ ही वहां पर राहत भी पहुंचाई जा रही है। लेकिन सभी गांवों की कनेक्टिविटी बनी हुई है। जो सडके क्षतिग्रस्त हुई हैं उन्हें ठीक किया जा रहा है, जहां पुल व पुलिया टूटी हैं उन्हें ठीक कराया जा रहा है। बडे पुलों केा बनने का समय नहीं बताया जा सकता है। हालांकि इन पुलों के कारण लोगों को अतिरिक्त सफर करना पड रहा है।