जैसे-जैसे उपचुनाव के नतीजों की घड़ी पास आती जा रही है, वैसे-वैसे माहौल भी तनावपूर्ण होता जा रहा है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चंबल कमिश्नर रवींद्र कुमार मिश्रा को ज्ञापन देकर कहा है कि यदि मतगणना में कोई गड़बड़ी हुई तो दंगा हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हताशा में बौखला गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ तक अधिकारियों को देख लेने की धमकी दे रहे हैं।
मुरैना में सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। किसी को भी प्रदेश का माहौल खराब नहीं करने देंगे। उधर, चुनाव की संवेदनशीलता को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी विशेष तैयारी कर ली है। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अलावा राज्य के सशस्त्र बल को भिंड, मुरैना और ग्वालियर में तैनात किया गया है।सूत्रों के मुताबिक, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर हो रहे विधानसभा के उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए नाक का सवाल हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं। इन सभी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने सभी को उपचुनाव के मैदान में उतारा है। शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सभी प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, इसलिए चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। वहीं, कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव करो या मरो वाले हैं। यही वजह है कि चुनाव के दौरान बयानों में काफी तल्खी रही। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मतदान के दौरान छुटपुट हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए चेता चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अधिकारियों-कर्मचारियों पर आरोप लगा चुके हैं।