‘घर-बाहर हिंसा को बढ़ावा देता है पाकिस्‍तान’, कश्‍मीर पर की अनर्गल बयानबाजी तो भारत ने दिखा दिया आईना

0

पाकिस्‍तान हर मंच पर कश्‍मीर का मसला उठाने से नहीं चूकता, भले ही वह इससे संबंधित हो या न हो। एक बार फिर जब उसने ऐसे अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर इस मसले को उठाया, जो कश्‍मीर मसले पर चर्चा से संबंधित नहीं था तो उसे भारत के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। पाकिस्‍तान पर तीखे वार करते हुए भारत ने आरोप लगाया कि पड़ोसी मुल्‍क न केवल अपनी सीमा के भीतर, बल्कि बाहर भी ‘हिंसा की संस्कृति’ को बढ़ावा देता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई शांति की संस्कृति बैठक पर भारतीय राजनयिक विदिशा मैत्रा ने कहा, ‘शांति की संस्कृति केवल अमूर्त मूल्य या सिद्धांत पर चर्चा या सम्मेलनों में मनाए जाने के लिए नहीं है, बल्कि सदस्य देशों के बीच इसे सक्रिय रूप से निर्मित किए जाने की आवश्यकता है।’ 

PAK पर बरसीं भारतीय राजनयिक

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव ने कहा, ‘हमने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का फायदा उठाने का पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का एक और प्रयास देखा, जबकि यह घरेलू स्‍तर और अपनी सीमा के बाहर भी हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देता है। हम ऐसे प्रयासों को खारिज और इसकी निंदा करते हैं।’

मैत्रा की यह कड़ी टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद आई है। मुनीर अकरम ने अपनी टिप्पणी में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और बैठक के विषय पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का उल्लेख किया था।

‘आतंकवाद सभी धर्मो के खिलाफ’

मैत्रा ने कहा कि आतंकवाद, जो असहिष्णुता और हिंसा की अभिव्यक्ति है, सभी धर्मों और संस्कृतियों का विरोधी है। दुनिया को आतंकवादियों के बारे में चिंतित होना चाहिए, जो अपनी गतिविधियों को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत मानवता, लोकतंत्र और अहिंसा के अपने संदेश को फैलाना जारी रखेगा और संयुक्त राष्ट्र में विशेष रूप से धर्म पर चर्चा को चलाने के लिए निष्पक्षता, गैर-चयनात्मकता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को लागू करने के लिए देश के आह्वान को दोहराया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here