भोपाल: मध्य प्रदेश के कई जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से अधिकारी परेशान हैं। ये कर्मचारी नियमित नहीं हैं, बल्कि आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिला है। भोपाल के जेपी अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर रहे। हालांकि, सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद वे काम पर लौट आए।
24 घंटे में सैलरी नहीं आई तो वापस होगी हड़ताल
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर एक दिन के अंदर वेतन नहीं मिला, तो वे फिर से हड़ताल पर चले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इस हड़ताल के लिए कुछ संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है। विभाग का कहना है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारी नियमित रूप से काम कर रहे हैं। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिला है। सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी के कार्यालय ने कहा है कि कुछ संगठनों के कहने पर हड़ताल की गई है, लेकिन भोपाल जिले के संविदा स्वास्थ्यकर्मी इसमें शामिल नहीं हुए हैं।
भोपाल के जेपी अस्पताल में नहीं मिला वेतन
भोपाल के जेपी अस्पताल के लगभग 150 आउटसोर्स कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उन पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। इससे वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। इसी वजह से कर्मचारी काम बंद करके अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए थे। मंगलवार को भी उनकी हड़ताल जारी रही।