कृषि उपज मंडी वारासिवनी के प्रांगण में ८ दिसंबर को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर के आयोजन को लेकर अधिकारी कर्मचारियों की बैठक के दौरान अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग मध्य प्रदेश विधायक बालाघाट गौरीशंकर बिसेन ने एक बार फिर विवादित बयान देकर जिले की राजनिती में सरगर्मी बढ़ी दी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि किसी भी अभ्यारण के सेंटर कोर एरिया के लास्ट से १० किलोमीटर तक कोई नहीं बस सकेगा….. मतलब टेकाडी से लालबर्रा तक उजाडऩा पड़ेगा। उन्हें लाकर वारासिवनी में बसायेगे ।
वन्य प्राणी से मौत पर हमारी कीमत ४ से ८ लाख रूपये
मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणियों से किसी की मृत्यु पर चार लाख की जगह आठ लाख रुपए मिलेंगे यह घोषणा की है जो १ अप्रैल के बाद लागू होगी लेकिन ४ से ८ लाख रुपये ही हमारी जान की कीमत है। क्योंकि वन्य प्राणी से मौत हुई तो चार लाख की कीमत है वैसे हमारे पास पेंच अभ्यारण ७० से ८० किलोमीटर दूर तक लंबा नदी पहाड़ी से भरा है कान्हा नेशनल पार्क है बांधवगढ़ नेशनल पार्क है और यहां दो चार शेर है तो क्या उन्हें इंजेक्शन लगा कर बेहोश कर वहां ले जाकर नहीं छोड़ा जा सकता है।
लालबर्रा के ग्रामों में बना सेंचुरी पार्के तो मेरी लाश पर बनेगा
लालबर्रा चिखलाबड्डी, सोनेवानी के आसपास सेंचुरी पार्क नहीं बनेगा और बनेगा तो मेरी लाश पर बनेगा चंद लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेकने कहते हैं हमने पत्र लिखा। कान्हा में भी शेर है जो इधर.उधर विचरण करते है। रमरमा के ऊपर १० से १२ किलोमीटर तक सेंचुरी पार्क नहीं बना सकते आज हम जंगली सूअर से परेशान हैं, हिरण से परेशान है, नीलगाय से परेशान है, तेंदुऐ से परेशान है शेर से परेशान हैं फिर और ज्यादा परेशान होगे। रिजर्व टाइगर प्रोजेक्ट कहता है कोई भी तरह की स्थापना नहीं होगी सब को हटाया जायेगा। एसडीएम मेरा वक्तव्य लिखकर कलेक्टर को भेजें।
बड़ा अजीब तमाशा है
बड़ा अजीब तमाशा है जिन्होंने चिन्नोर का धान देखा नहीं जिन्होंने चिन्नोर पैदा किया नहीं वह कहते हैं कि जीआई टैग मैंने करवाया तो गौरीशंकर ने क्या किया तुम ही कृषि मंत्री बने थे क्या। नरेंद्र तोमर आप हो कमलनाथ को चिी लिखने से जीआई टैग हो जाता है चिी लिखने से मेडिकल कॉलेज खुल जाता है कैसे.कैसे बुद्धिमान नेताओं को अपना प्रतिनिधि बनाते हैं पता नहीं। यह लूनकरण भागचंद संचेती जैविक प्रकृति चिन्नोर कृषि उपज मंडी समिति का पत्थर लग चुका है नाम अभी तक जो लिखा नहीं है वह शाम तक लिख जाना चाहिये।
मेरे नाना भी रहे सांसद
में आपको अपने परिवार का इतिहास बताता हूॅ। सांवरी से मेरी मां के पिताजी मेरे नाना झोपड़ी छाप से सांसद बने प्रजा समाजवादी पार्टी से उन्होंने लगभग ११००० वोट से शंकर लाल तिवारी को पराजित किया जो कांग्रेस से थे और फिर विधायक भी बने तब वहां ताना पोला में मुझे बुलाया गया था। जहां घोषणा की थी जिसके लिये लालबर्रा का पैसा काट कर वहां दे रहा हूॅ और निश्चित मान के चलो जल्द करोड़ों के विकास कार्यों का भूमि पूजन किया जायेगा।