चिराग पासवान को तेजस्वी का ऑफर, याद दिलाई 2010 की बात

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पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में सियासी संकट गहराने के बाद आने वाले दिनों में बिहार में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं। चिराग पासवान और पशुपति पारस की खींचतान में दूसरी सियासी पार्टियां अपने लिए अवसर भी देख रही हैं। इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी पीछे नहीं है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। तेजस्वी ने चिराग को याद दिलाया कि जब 2010 में लोजपा के पास कोई सांसद और विधायक नहीं थे तो लालू प्रसाद ने कैसे राम विलास पासवान की मदद की और उन्हें राज्यसभा भेजा।

चिराग तय करें उन्हें किसके साथ जाना है
रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार को दिल्ली से पटना लौटे तेजस्वी ने कहा, ‘यह अब चिराग को फैसला करना है कि वह गुरु गोवलकर के विचारों का अनुसरण करने वालों के साथ रहेंगे अथवा भारतीय संविधान के निर्माता अंबेडकर के अनुयायियों के साथ जाएंगे।’ सीएम नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर राजद नेता ने कहा, ‘यहां ऐसे लोग हैं जो योजनाओं में काफी माहिर हैं। ये लोग राज्य की राजनीतिक घटनाओं पर भी अपनी अज्ञानता जाहिर करते हैं।’

नीतीश पर भी निशाना साधा 
तेजस्वी का इशारा सीएम नीतीश कुमार के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने कहा है लोजपा में क्या हो रहा है, उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। तेजस्वी ने कहा, ‘उनकी इस अज्ञानता की वजह से आज बिहार इस स्थिति में आ गया है। राज्य में बेरोजगारी और गरीबी है। साल 2010 में लोजपा के पास जब कोई सांसद और विधायक नहीं थे तो लालू जी ने उन्हें राज्यसभा भेजा।’

हाजीपुर से यात्रा शुरू करेंगे चिराग
तेजस्वी के इस पेशकश पर हालांकि चिराग पासवान ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चाचा पशुपति के साथ पार्टी को लेकर विवाद गहराए जाने के बाद चिराग ने भाजपा से मोहभंग होने का संकते दिया है। साथ ही उन्होंने लोजपा के मौजूदा संकट के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है। चिराग के मन में टीस है कि संकट की घड़ी में भाजपा ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। चिराग अब आगे क्या फैसला करते हैं यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, चिराग 5 जुलाई को हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। 

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