चीन की धमकी का असर, म्‍यांमार में समझौते को मजबूर हुई सेना और व‍िद्रोही दल, सीजफायर

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म्‍यांमार में चल रहे गृहयुद्ध में अब एक नया मोड़ आ गया है। म्‍यांमार की सेना और व‍िद्रोहियों के बीच में एक समझौता हुआ है। चीन के व‍िदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके इसकी जानकारी दी है। उसने कहा कि चीन की मध्‍यस्‍थता के बाद म्‍यांमार की सेना और नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस, तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी और अराकान आर्मी के बीच चीन में शांति बातचीत हुई थी। इसमें दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ है और अस्‍थायी सीजफायर का ऐलान किया गया है। चीन ने कहा कि दोनों ही पक्ष आपस में बातचीत करते रहेंगे।

इससे पहले चीन की सेना ने म्‍यांमार की सीमा पर जोरदार सैन्‍य अभ्‍यास किया था और घातक तोपों को तैनात किया था। चीन की सेना ने दोनों ही पक्षों से साफ कह दिया था कि तत्‍काल लड़ाई बंद करो और बातचीत की मेज पर आओ। इसके बाद म्‍यांमार के संघर्षरत गुट वार्ता की मेज पर आए। चीन के व‍िदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता माओ निंग ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन ने बातचीत कराई थी। माओ ने कहा कि चीन उत्‍तरी म्‍यांमार में शांति प्रक्रिया को अपना समर्थन देता है। उसने समर्थन और सुविधा मुहैया कराई ताकि दोनों पक्ष आपस में बातचीत कर सके।

चीन को क्‍यों सता रहा म्‍यांमार हिंसा से डर?

म्‍यांमार में 27 अक्‍टूबर के बाद से ही भीषण गृहयुद्ध चल रहा है और यह लड़ाई अब म्‍यांमार और चीन की सीमा तथा म्‍यांमार-भारत की सीमा के पास तक फैल गई है। म्‍यांमार की सेना ने पिछले दिनों गलती से चीन के इलाके में बम बरसा दिए थे। इसके बाद चीन बुरी तरह से भड़क उठा था और सीमा पर सैन्‍य अभ्‍यास शुरू कर दिया था। चीन ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की अपनी सीमाई इलाके में तैनाती की थी। चीन को डर सता रहा था कि कहीं इस लड़ाई का असर उसके इलाके में भी न पड़ने लगे।

म्‍यांमार के व‍िद्रोहियों ने चीन और म्‍यांमार के बीच एक व्‍यापार चौकी पर कब्‍जा कर लिया है। यही नहीं म्‍यांमार को भारत से जोड़ने वाले एक रास्‍ते पर भी अब विद्रोहियों का कब्‍जा हो गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह म्‍यांमार में शांति के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन ने दावा किया कि उसके प्रयासों के फलस्‍वरूप अब उत्‍तरी म्‍यांमार में तनाव कम हो रहा है। इससे चीन-म्‍यांमार सीमा पर भी शांति आ रही है। चीन ने दोनों ही पक्षों से दो टूक कहा है कि वे पूरा संयम बरतें और जमीन पर स्थिति को सुधारें। बता दें कि म्‍यांमार में युद्धरत दोनों ही पक्षों को हथियार और अन्‍य मदद के लिए चीन से गुहार लगानी पड़ती है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि म्‍यांमार के विद्रोहियों को चीन ने अपना समर्थन दे रखा है।

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