चीन की सोशल मीडिया साइट ‘वीबो’ ने अफवाहबाजों पर कसी नकेल, सभी कारगर हो सकता है तरीका

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सोशल-मीडिया पर झूठी खबरें, अफवाहें फैलना आम बात है। इसलिए कि सोशल मीडिया पर सक्रिय किसी उपयोगकर्ता पर कोई रोक-टोक नहीं है। इसका फायदा अक्सर संवेदनशील मौकों पर असामाजिक तत्त्व उठाया करते हैं। लेकिन चीन की सोशल मीडिया साइट ‘वीबो’ ने इसका तोड़ निकाल लिया है। उसने गुरुवार 28 अप्रैल से अफहवाबाजों पर नकेल कसना भी शुरू कर दिया है। ‘वीबो’ की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, साइट पर उपयोगकर्ता जब किसी पोस्ट पर कमेंट आदि करेगा, तो उसके बारे में जानकारी भी प्रकाशित की जाएगी। यह जानकारी दो तरह से होगी। चीन के नागरिकों के बारे में यह बताया जाएगा कि अमुक उपयोगकर्ता ने किस जगह से यह कमेंट या पोस्ट किया है। यानी वह किस प्रांत या नगरीय निकाय क्षेत्र से ताल्लुक रखता है।
जबकि चीन से बाहर के उपयोगकर्ताओं का आईपी एड्रेस सार्वजनिक किया जाएगा, जो हर किसी का विशिष्ट होता है। इसके लिए ‘वीबो’ ने हर उपयोगकर्ता के खाते के साथ विशेष बंदोबस्त जोड़ दिया है। मतलब स्पष्ट है कि ‘वीबो’ पर सक्रिय हर उपयोगकर्ता के बारे में यह सार्वजनिक होगा कि वह कौन है और उसने कहां से पोस्ट/कमेंट किया है। इस व्यवस्था में उपयोगकर्ता पहचान तो फिर भी छद्म अपना सकता है, लेकिन लोकेशन और आईपी एड्रेस के जरिए उसे ढूंढना बहुत आसान हो जाएगा। यही वजह है कि ‘वीबो’ के इस कदम पर अब चीन में नई बहस चल पड़ी है। इसमें कुछ लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं, तो अन्य लोग आलोचना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ‘वीबो’ चीन का अपना प्लेटफॉर्म है, जो हू-ब-हू ‘ट्विटर’ की तरह काम करता है। दुनियाभर में इसके साथ करीब 57 करोड़ लोग बतौर उपयोगकर्ता जुड़े हुए हैं। चीन में ‘वीबो’ के इस कदम के बाद भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘कू’ के लिए भी एक रास्ता खुला है। करीब 3 साल पुराना यह प्लेटफॉर्म भी ‘ट्विटर’ की तरह ही काम करता है। इसके साथ इस समय 3 करोड़ के आस-पास उपयोगकर्ता सक्रिय हैं, ऐसा बताया जाता है। इन उपयोगकर्ताओं में भारत सरकार के कई मंत्री आदि भी शामिल हैं।

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