धरती और ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर इंसान की जिज्ञासा लगातार अध्ययन के बाद भी खत्म नहीं हो रही है और यही कारण है कि भूगर्भ व खगोल वैज्ञानिक धरती में गहरी चट्टानों का अध्ययन करने के लिए गहरा गड्ढा खोदने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। अब चीन के भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने शिनजियांग प्रांत के तारिम बेसिन में 10 किमी गहरा गड्ढा खोलने का काम शुरू किया है।
क्रेटेशियस काल की चट्टानों की तलाश
चीन 10 किमी गहरा गड्ढा करते आज करीब 14.5 करोड़ साल पुरानी क्रेटेशियस काल की चट्टानों तक पहुंच हासिल करना चाहता है ताकि ब्रह्मांड व धरती की उत्पत्ति को समझा जा सके। चीन के भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम को उम्मीद है कि 10 किमी की गहराई पर उन्हें 145 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानें मिल सकती है।
चीन ने यह परियोजना झिंजियांग प्रांत के तारिम बेसिन में 30 मई को शुरू की है। चीन ने उत्खनन के ये काम सबसे बड़े रेगिस्तान तकलामकन में शुरू किया है और आधिकारिक तौर पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्यों का खुलासा नहीं किया है।
चट्टानों के परीक्षण से मिलेगी ये जानकारी
145 मिलियन साल पुराने क्रेटेशियस काल की चट्टानों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को धरती के शुरुआती विकास, जलवायु परिवर्तन और जीवन के फलने-फूलने के बारे में विस्तार से जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वैज्ञानिकों को ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप और जलवायु में बदलाव जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की पहचान करने करने में मदद मिलेगी।