बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण एवं जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता लाने के लिए शाशन प्रशासन द्वारा काफी प्रयास किए जा रहे हैं। वही सीमित जनसंख्या के लिए जगह-जगह शिविर लगाकर नसबंदी सहित परिवार नियोजन संबंधी अन्य विकल्प दिए जा रहे हैं बावजूद इसके भी आम लोग शासन प्रशासन कि इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं और भी जनसंख्या नियंत्रण की प्रति गंभीर नहीं है।वही प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी जिले में विश्व जनसंख्या दिवस जनसंख्या स्थिरता माह के रूप में 11 जुलाई से 11 अगस्त तक मनाया जा रहा है।जिसमे विवाहित दम्पत्तियों को परिवार दो बच्चों तक सीमित रखने एवं परिवार नियोजन के स्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, इससे शासन प्रशासन के ये प्रयास नाकाफी नजर आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य महकमा लोगों को पूर्ण रूप से जागरूक करने में नाकाम नजर आ रहा है।
10 वर्ष में 13.60 प्रतिशत की बढ़ी थी जनसंख्या ग्रोथ
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 2001 में की गई जनगणना के आंकड़े देखे तो 2001 में जिले की जनसंख्या 1497968 थी। वहीं 2011 में यह बढकऱ 1701698 हो गई है। जनसंख्या वृद्धि में 13.60 प्रतिशत की ग्रोथ होना बताया जा रहा है। वही 2011 के बाद के आंकड़े विभाग के पास नहीं है। और जिले में लगातार जनसंख्या में वृद्धि देखी जा रही है उधर शासन प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों में जागरूकता की कमी देखी रही है। परिवार सीमिति रखने कई तरह के प्रलोभन और योजनाएं होने के बावजूद लोग सीमित परिवार नहीं रखना चाह रहे हैं। जिले में होने वाले महिला, पुरुष नसबंदी शिविरों में इस तरह के हालात देखे जा रहे हैं। नसबंदी कराने पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग इसे नहीं अपना रहे हैं। और लगातार जिले की जनसंख्या बढ़ती जा रही है।
नोट- जनगणमना से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार-
2001 2011
जनसंख्या 1497968 1701698
पुरुष 740749 842178
महिला 757219 859520
जनसंख्या वृद्धि 13.60 प्रति
आधा लक्ष्य भी नहीं हो पाया पूरा
जिले में परिवार नियोजन को लेकर आयोजित किए जाने वाले नसंबदी ऑपरेशन के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो सामने आता है कि लक्ष्य अनुसार नसंबदी ऑपरेशन का आंकड़ा नहीं हो पा रहा है। जिले को प्राप्त 9620लोगों की नसबंदी के विरूद्ध महिला/ पुरुष मिलाकर कुल 1864 लोगो ने ही ऑपरेशन करवाए हैं। इनमें कुछ प्रतिशत ऑपरेशन फेल होने की बात सामने आई हैं। इस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य के मुताबिक आधे ऑपरेशन भी नहीं करवा पाया है।
प्रोत्साहन राशि का प्रलोभन भी नही आ रहा काम
बताया जा रहा है कि नसबंदी कराने वाले महिला, पुरुषों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। दूरबीन पद्धति (एलटीटी) से आपरेशन कराने वाली महिला को 2000 रुपए, उसकी प्रेरक को 300 रुपए की राशि दी जाती है। प्रसव के उपरांत (सीटीटी) से नसबंदी कराने वाली महिला को 03 हजार एवं प्रेरक को 400 रुपए प्रदान किए जाते हैं। इसी प्रकार पुरुष को 3000 रुपए एवं प्रेरक को 400 रुपए की राशि दी जाती है। इसके अलावा इन्ट्रां इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज हितग्राही व आशा कार्यकर्ता को 100 रुपए की राशि दी जाती है। जहां जनसंख्या नियंत्रण के लिए शासन प्रशासन द्वारा प्रोत्साहन राशि का प्रलोभन भी काम नहीं आ रहा है और काफी कम तादाद में लोग ऑपरेशन करवा रहे हैं जिसके चलते लगातार जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
कड़े प्रावधानों की जरूरत
बिना जागरूकता के जनसंख्या में अंकुश लगाने में शासन प्रशासन भी स्वयं को असहाय मानता है। जानकरों की माने तो जनसंख्या वृद्धि को लेकर सख्ती करने और कड़े प्रावधान निहित किए जाने की बात कहते हैं। ताकि जनसंख्या वृद्धि में अंकुश लग सकें। हालांकि अब तक ऐसी कोई कठोर प्रावधान नहीं बनाए गए हैं शायद ही वजह है कि जनसंख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
फैक्ट फाइल-
:- परिवार नियोजन के तहत नसंबदी आंकड़ें।
ब्लॉक लक्ष्य पुरुष महिला कुल
किरनापुर 997 16 233 249
लामता 1014 28 159 187
परसवाड़ा 705 01 45 46
बैहर 717 00 49 49
बिरसा 926 02 114 116
लांजी 1006 11 259 270
कटंगी 983 02 145 147
लालबर्रा 967 56 160 216
खैरलांजी 843 06 153 159
रामपायली 850 34 122 156
वारासिवनी 158 03 36 39
बालाघाट 454 05 225 230
कुल योग- 9620 164 1700 1864
नोट- स्वास्थ्य विभाग से 01 अप्रेल से 31 जुलाई तक प्राप्त स्थित आंकड़ों में।
31 मार्च के पूर्व टारगेट पूरा कर लिया जाएगा- कलावती कटरे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग उप मीडिया अधिकारी श्रीमती कलावती कटरे ने बताया कि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक 1 वर्ष की गणना की जाती है। हमें इस वर्ष 385 पुरुष तो 9,235 महिलाओं की नसबंदी का टारगेट दिया गया है। इस तरह इस वर्ष कुल 9,620 नसबंदी का टारगेट मिला है।नए गणना वर्ष 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक जिले भर में 164 पुरुष और 1864 महिलाओं की नसबंदी की गई है। अभी बरसात का सीजन है ग्रामीण क्षेत्रों में परहा लगने का कार्य शुरू है। इसीलिए शिविर नहीं लगाए जा रहे हैं। सम्भवतः 15 अगस्त के बाद पूरे जिले में शिविर लगाए जाएंगे। हर ब्लॉक में चार-चार शिविर लगेंगे और हर शिविर में 50-50 केस का टारगेट देकर नसबंदी के 1 वर्ष के टारगेट को पूरा किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि अभी शुरू माह 2 अगस्त को कटंगी में और 5 अगस्त को जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर लगाया गया था जिसमें 32- 32 नसबंदी हुई है. हमें साल भर का 9,620 नसबंदी का लक्ष्य मिला है इसे 31 मार्च के पूर्व पूरा कर लिया जाएगा।