मध्य प्रदेश में जंगलों से रेस्क्यू किए गए वन्यप्राणियों को रखने के लिए रेस्क्यू सेंटर छोटे पड़ने लगे हैं। यही वजह है कि मध्य प्रदेश दो बाघ और चार तेंदुए गुजरात के जामनगर चिड़ियाघर में भेज रहा है। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मांगी है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भोपाल में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं चिड़ियाघर व राजा मार्तंड सिंह जूदेव ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर सतना में ही रेस्क्यू किए गए वन्यप्राणियों को इलाज के लिए रखा जाता है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को अनुमति के लिए लिखे पत्र में मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार ने कहा है कि जामनगर, गुजरात स्थित रेस्क्यू एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर ने हमारे यहां के वन्यप्राणियों को रखने पर सहमति जताई है।
रेस्क्यू के प्रकरणों में वृद्धि- दरअसल गुजरात को दो बाघ और चार तेंदुए दिए जाने की मुख्य वजह रेस्क्यू के अधिक संख्या में प्रकरण हैं। इन दिनों प्रदेश के कई इलाकों में वन्य प्राणियों द्वारा आबादी में घुसकर नुकसान पहंचाया जा रहा है। जिसके चलते वन विभाग इन वन्य प्राणियों का रेस्क्यू कर लेते हैं। प्रारंभिक तौर पर इन वन्य प्राणियों को आसपास के ही चिड़ियाघर में रख लिया जाता है। बाद में उन्हें वनविहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल या मुकुंदपुर टाइगर सफारी में भेज दिया जाता है।
चिड़ियाघर में जगह नहीं – पूरे राज्य में सिर्फ वन विहार भोपाल और मुकुंदपुर सफारी के अलाया कोई भी अन्य ऐसा रेस्क्यू सेंटर नहीं है, जहां सेस्क्यू किए गए वन्य प्राणियों को स्थाई रूप से रखने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। अब हालात ऐसे बन गए है कि सेस्क्यू किए गए जिन वन्य प्राणियों को जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता हैं, उन्हें रखने के लिए दोनों सेंटर में जगह बची नहीं है। इंदौर जैसे चिड़ियाघर में भी वन्य प्राणियों को स्थाई रूप से रखने के पयाप्त इंतजाम नहीं हैं। जिसके चलते वहां से एक तेंदुआ भाग गया था।
राज्य सरकार ने बताया कि दोनों ही सेस्क्यू सेंटर में पहले से ही अति वृद्ध या बीमार या शावकों को रखने की व्यवस्थाएं हैं,इनके उनचार के भी सारे इंतजाम हैं। पर अब जो वन्य प्राणी सेस्क्यू किए जा रहे हैं, उनमें से जो जंगल में छोड़े जाने लायक होते हैं, उन्हें तो तत्काल छोड़ दिया जाता है लेकिन बाकी को रख पाने की व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही है। गुजरात के रामनगर चिड़ियाघर ने फिलहाल सहयोग करने की इच्छा जताई है। भविष्य में यही हालात बन सकते हैं इसलिए दो बाघ और चार तेंदुए को गुजरात भेजे जाने की अपुमति दे दें।