जनपद पंचायत में हुआ स्थाई समितियों का गठन

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जनपद पंचायत लालबर्रा के सभाकक्ष में १ सितंबर को शासन के निर्देशानुसार स्थाई समितियों के गठन की प्रक्रिया सम्पन्न हुई। यह प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी, तहसीलदार रामबाबू देवांगन, सहायक पीठासीन अधिकारी एम.एल. उइके की उपस्थिति में प्रारंभ हुई। इस अवसर पर ८ स्थाई समिति के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई जिसमें पीठासीन अधिकारी श्री देवांगन के द्वारा उपस्थित जनपद सदस्यों को समिति के गठन व सभापति नियुक्त किये जाने की जानकारी विस्तार से दी एवं समिति सभापति व सदस्यों के नाम पढ़कर सुनाया गया। इसी दौरान निर्दलीय जनपद सदस्य दीपक कावरे का नाम आने पर उन्होने आपत्ति दर्ज करवाई कि मेरे बिना सहमति के नाम जोड़ा गया है जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने समझाईश देते हुए कहा कि यदि आपकों समिति सदस्य में नाम दर्ज होने पर आपत्ति है तो हटाने के लिए आवेदन करेें। जिसके बाद ८ समिति का गठन कर सर्वसम्मति से सभापति नियुक्त किये गये। वहीं इस समिति के गठन व सभापति के नियुक्ति प्रक्रिया पर विपक्ष में बैठे कांग्रेसी जनपद सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्ण बहुमत के साथ जनपद पंचायत में भाजपा की सत्ता है हम उनका सम्मान करते है परन्तु उनके द्वारा प्रलोभन देकर निर्दलीय जनपद सदस्य दीपक कावरे का समर्थन प्राप्त किया गया था परन्तु उनका एक माह में ही मोहभंग हो गया है और वे अब हमारे साथ है एवं विपक्ष की भूमिका निभायेगें साथ ही यह भी कहा कि श्री कावरे का नाम बिना उनके अनुमति के स्थाई समिति के सदस्यों में जोड़ा गया था जिसका उनके द्वारा विरोध किया गया और पीठासीन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई है। साथ ही यह भी कहा कि २५ जनपद सदस्यों के माध्यम से जनपद का संचालन किया जाना है इसलिए समिति का गठन व सभापति नियुक्त २५ जनपद सदस्यों के सहमति से होना चाहिए था परन्तु स्थाई समिति के सभापति व सदस्यों के नाम बगले से आ रहे है जो गलत है और समिति के सभापति सभी सदस्यों को लेकर चलना चाहिए अगर ऐसा नही होने पर विपक्ष की भूमिका पुरजोर से निभायेंगे और हमने स्पष्ट कर दिया है कि अब तक भ्रष्टाचार व लोगों के चेहरे देखकर काम होते थे अब जनपद अपनी कार्यप्रणाली पर सुधार करें।

८ स्थाई समितियों मेें इन्हें मिला स्थान
जनपद पंचायत लालबर्रा में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के निर्वाचन के बाद जनपद के संचालन के लिये स्थाई समितियों का गठन किया जाना था जिसमें नवनिर्वाचित होकर जनपद पहुंचे जनपद सदस्यों को समितियों का सभापति व सदस्य बनाया जाना था। गुरूवार को जनपद पंचायत के सभाकक्ष में जनपद सदस्यों की प्रमुख उपस्थिति में ८ स्थाई समितियों का गठन किया गया जिसमें ८ सभापति व हर समिति में ७-७ सदस्य सर्वसम्मति से नियुक्त किये गये है। जिसमें सामान्य प्रशासन समिति सभापति श्रीमती देवीलता ग्वालवंशी, कृषि समिति सभापति गुलेंद्र भगत, शिक्षा समिति सभापति विरेंद्र किशोर पालीवाल, संचार एवं संकर्म समिति सभापति कु ंवर सिंह बिसेन, सहकारिता और उद्योग समिति सभापति धनेंद्र गोलू नगपुरे, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास समिति सभापति श्रीमती पूजा चौधरी, वन समिति सभापति धनेंद्र भलावी व जैव विविधता प्रबंधन समिति सभापति श्रीमती राजश्री गौतम को बनाया गया है।

समिति के गठन को लेकर विपक्ष ने जताई नाराजगी
स्थाई समितियों के गठन में कांग्रेसी जनपद सदस्यों को स्थान नहीं मिलने पर उनके द्वारा नाराजगी जताई गई और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा के जनपद सदस्यों को जनता ने चुनकर भेजा है उसी प्रक्रिया के तहत हमें भी जनता ने ही चुनकर जनपद पंचायत में अपने क्षेत्र का नेतृत्व करने भेजा हैं और यह जो स्थाई समितियों के गठन की प्रक्रिया की गई है वह पूरी तरह से गलत है। स्थाई समितियों का गठन जनपद सदस्यों को मौजूदगी में नाम का चयन किया जाना था परन्तु ऐसा नही किया गया है और जो स्थाई समितियों में सदस्यों के नामों की सूची तैयार की गई है वह सूची बंगले से पहुंची है जिसमें सारे नाम भाजपा के नेताओं के द्वारा ही तय किये गये है जिसमें निर्दलीय जनपद सदस्य दीपक कावरे का नाम बिना उनकी अनुमति के समिति मेें शामिल किया गया है जो गलत है। कांग्रेेसियों ने कहा कि जनपद पंचायत में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला उनकी सरकार बनी हम उसका सम्मान करते है परंतु जनपद का संचालन जिस तरह से भाजपा नेता के द्वारा किया जा रहा है वह हमें स्वीकार नहीं है नियमानुसार समितियों का गठन सभी २५ जनपद सदस्यों की उपस्थिति में नामों का चयन होना था।
निर्दलीय जनपद सदस्य दीपक कावरे ने जताई नाराजगी
जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक ८ से निर्दलीय जनपद सदस्य दीपक कावरे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जनपद पंचायत में जो स्थाई समितियों का गठन किया गया है उसमें बिना सहमति के समिति सदस्य में मेरा नाम जोड़ा गया है जो गलत है जबकि मैं उनके साथ नही जाना चाहता हूं और कांग्रेस पार्टी मेरा परिवार है, मैंं कांग्रेसी हंंू, कांगेे्रसी था और कांग्रेसी ही रहूंगा।

चर्चा में पीठासीन अधिकारी, तहसीलदार रामबाबू देवांगन ने बताया कि जनपद पंचायत के ८ समितियों का गठन कर सर्वसम्मति से सभापति नियुक्त किये गये है इस दौरान समिति गठन की सूची में एक सदस्य के नाम आने पर उन्होने आपत्ति दर्ज करवाई थी जिससे आवेदन लेकर उक्त नाम को हटाने की कार्यवाही की जायेगी और समिति का गठन, सभापति व सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न करवाई गई है।

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