जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की गलती का खामियां भुगत रहे विद्यार्थी

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जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा लंबे समय बाद आयोजित की गई बैचलर आफ पैरामेडिकल लेबर्टी टेक्नोलॉजी की परीक्षा एक बार फिर विवादों के घेरे में है। जहां बीएमएलटी सेकंड ईयर की परीक्षा की पहले दिन ही कई विद्यार्थियों को इस परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। जिसके चलते बीएमएलटी सेकंड ईयर की परीक्षा देने परीक्षा केंद्र शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय पहुंचे विद्यार्थियों ने जमकर हंगामा मचाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार किए जाने की मांग की है। तो वहीं उन्होंने जबलपुर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी पर एडमिट कार्ड में पेपर का उल्लेख न किए जाने की बात कहते हुए इस महत्वपूर्ण परीक्षा से उन्हें वंचित किए जाने का आरोप लगाया है।बताया जा रहा है कि बीएमएलटी सेकंड ईयर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की आज गुरुवार 20 जून से परीक्षा की शुरुवात की गई थी। आयोजित परीक्षा का एडमिट कार्ड भी जारी किया गया था। लेकिन पांच विद्यार्थियों को छोड़कर सभी 37 विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड में यूनिवर्सिटी द्वारा पहले पेपर का उल्लेख ही नहीं किया गया। जिसके चलते परीक्षा केंद्र पहुंचे ज्यादातर विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित हो गए ।जिन्होंने परीक्षा केंद्र में हंगामा मचाते हुए वंचित किए गए विषय की पुनः परीक्षा आयोजित कराए जाने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा वर्ष 2020 में मेडिकल क्षेत्र से जुड़े कोर्स बीएमएलटी के तहत एडमिशन कराए गए थे। जहां वर्ष 2023 तक 3 वर्ष का कोर्स पूरा होकर विद्यार्थियों को डिग्री मिल जाना था। लेकिन कोविड़ काल सहित अन्य कारणों के चलते यूनिवर्सिटी ने परीक्षा का आयोजन समय पर नहीं किया। जहां फर्स्ट ईयर पास होने वाले विद्यार्थियों की सेकंड ईयर की परीक्षा आज गुरुवार से शुरू कराई गई थी। जहां स्वयं श्री पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट बालाघाट से पढ़ाई करने वाले करीब 45 बच्चों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। जिनका प्रवेश पत्र एक दिन पूर्व ही यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया था। जहां जारी किए गए इस प्रवेश पत्र में 05 विघार्थियों को छोड़कर बाकी अन्य 37 विघार्थियों के एडमिट कार्ड में पहले पेपर हिस्ट्रोलॉजी का उल्लेख ही नहीं किया गया था। जब विद्यार्थी परीक्षा केंद्र पहुंचे तो विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने बैठाया गया लेकिन जब उनके प्रवेश पत्र की जांच की गई तो प्रवेश पत्र में हिस्ट्रोलॉजी सब्जेक्ट का उल्लेख ही नहीं था जिसके चलते परीक्षा केंद्र से उन विद्यार्थियों को बाहर कर दिया गया। जिस पर विद्यार्थियों ने हंगामा मचाते हुए यूनिवर्सिटी पर परीक्षा से वंचित किए जाने का आरोप लगाया है।

42 में से महज 05 बच्चों ने दी परीक्षा
बताया जा रहा है कि बीएमएलटी सेकंड ईयर की पढ़ाई करने वाले 42 विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा था। जिनका परीक्षा केंद्र शासकीय कमला नेहरू महाविद्यालय दिया गया था। आज गुरुवार 20 जून को हिस्ट्रोलॉजी का पहला पेपर था जब बच्चे परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पहुंचे तो उनकी एडमिट कार्ड की जांच करने पर करीब 37 बच्चों के प्रवेश पत्र में हिस्ट्रोलॉजी सब्जेक्ट का उल्लेख ही नहीं था ।जिसके चलते उन्हें हिस्ट्रोलॉजी का पहला पेपर देने नहीं दिया गया।जबकि उन्ही के साथ पढ़ाई करने वाले 05 विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड में हिस्ट्रोलॉजी सब्जेक्ट का उल्लेख होने के चलते केवल 05 विद्यार्थियों ने ही हिस्टोलॉजी की परीक्षा दी। बाकी 37 विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित कर केंद्र से बाहर कर दिया गया।

पहले एग्जाम देने बैठा लिया बाद में किया बाहर
बताया जा रहा है कि बीएमएलटी सेकंड ईयर में चार विषयों की परीक्षा होनी थी जिसमें पहला पेपर हिस्टोलॉजी, दूसरा पेपर माइक्रोयोलॉजी, तीसरा पेपर हिमेस्ट्रोलॉजी और चौथा पेपर बायोकेमेस्ट्री का होना था। आज गुरुवार 20 जून को पहला पेपर हिस्टोलॉजी का था।जिसके चलते बीएमएलटी सेकंड ईयर में पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थी परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पहुंचे थे। जो एग्जाम सेंटर हॉल व कमरों में एग्जाम देने बैठ चुके थे। लेकिन एग्जाम सेंटर में प्रवेश पत्र की जांच करने पर पता चला की 05 विद्यार्थियों को छोड़कर अन्य किसी भी विद्यार्थी के प्रवेश पत्र में आज हिस्ट्रोलॉजी सब्जेक्ट का उल्लेख नहीं है। जिसके चलते उन परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र से बाहर कर दिया गया।

बीएमएलटी की पढ़ाई करने में आता है 2 लाख से अधिक का खर्च
बताया जा रहा है कि बीएमएलटी की पढ़ाई करने में 3 वर्ष लगते हैं। इसका पढ़ाई करने का खर्च प्रतिवर्ष 50 से 65 लाख रु आता है। इस तरह 3 वर्षीय कोर्स करने में 2 लाख से अधिक रु खर्च हो जाते हैं। जिसकी पढ़ाई के लिए अलग से कोचिंग, कॉपी ,किताब, परिवहन ,किराए का कमरा, भोजन आदि की व्यवस्था का अलग से खर्च लगता है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 में एडमिशन लेने के बाद थर्ड ईयर की एग्जाम वर्ष 2023 में पूरी हो जानी थी। लेकिन समय पर परीक्षा आयोजित ना होने के चलते वर्ष 2024 में इसके सेकंड ईयर की परीक्षा आयोजित की गई थी। जहां विद्यार्थियों ने वार्षिक फीस के साथ-साथ एनरोलमेंट फीस 3750 के अलावा परीक्षा फीस 2000 रु भी जमा की थी जहां यूनिवर्सिटी ने बच्चों से परीक्षा फीस लेने के बाद भी उन्हें इस विषय की परीक्षा देने से वंचित कर दिया।

समय ,पैसा, और साल बर्बाद होने का विद्यार्थियों ने लगाया आरोप
उधर, देरी से परीक्षा का आयोजन करने ,पूरी फीस जमा करने के बाद भी एडमिट कार्ड में एक पेपर का उल्लेख न होने और यूनिवर्सिटी से मिन्नतें करने के बाद भी उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति न देने से विद्यार्थी नाराज हो गए और उन्होंने परीक्षा केंद्र में हंगामा मचाते हुए जबलपुर यूनिवर्सिटी पर समय पैसा और साल बर्बाद करने का आरोप लगाया है। जिन्होंने न सिर्फ एक साल बल्कि 4 वर्ष बर्बाद होने का आरोप लगाते हुए छूटे हुए सब्जेक्ट की पुनः परीक्षा आयोजित किए जाने की मांग की है।

समय समाप्त होने तक यूनिवर्सिटी नहीं बना पाई व्यवस्था
उधर एडमिट कार्ड में प्रथम पेपर का उल्लेख न होने के चलते परीक्षा से वंचित किए गए विद्यार्थियों और इंस्टीट्यूट संचालको द्वारा लगातार यूनिवर्सिटी से दूरभाष पर चर्चा कर विद्यार्थियों की समस्या बताई गई। जिस पर यूनिवर्सिटी ने व्यवस्था बनाए जाने की बात कही। लेकिन दोपहर 2:30 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक आयोजित परीक्षा समाप्त होने तक यूनिवर्सिटी वंचित हुए विद्यार्थियों की परीक्षा का आयोजन करने की व्यवस्था नहीं बना सकी। जिसको लेकर विद्यार्थियों में यूनिवर्सिटी के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है।

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