अपने दो दिनों के जम्मू दौरे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस में फिर से जान फूंकने की कोशिश की और प्रदेश के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुराना नाता याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब भी मैं जम्मू-कश्मीर आता हूं, मुझे लगता है कि मैं घर आ गया हूं। मेरे परिवार का जम्मू-कश्मीर से पुराना रिश्ता है। राहुल ने ‘जय माता दी’ के जयघोष से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। अपने संबोधन में उन्होंने बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझको यहां आकर खुशी हो रही है, लेकिन दुख भी है। दुख की वजह ये है कि यहां जो भाईचारे की भावना है, उसको RSS और BJP तोड़ने का काम कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं को समझाया ‘हाथ’ का मतलब
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि हाथ चिह्न का मतलब आर्शीवाद होता है, लेकिन इसका मतलब आशीर्वाद नहीं होता। इसका मतलब है डरो मत, सत्य बोलने से डरो मत, इसलिए ये चिह्न कांग्रेस पार्टी का चिह्न है। और BJP सच्चाई से डरती है। बीजेपी लोगों के लिए डर पैदा करती है जबकि कांग्रेस प्यार। उन्होंने कहा कि आज सुबह में कश्मीरी पंडित डेलिगेशन से मिला तो उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है।
अपने संबोधन मेें राहुल ने मीडिया पर भी तंज कसा। पहले उन्होंने मीडिया को मित्रों शब्द से संबोधित किया, फिर कहा कि मैंने मित्रों शब्द से संबोधित तो कर दिया, लेकिन ये मित्रों जैसा काम नहीं करते। ये हमारे मित्रों का काम न करके उनके मित्रों का काम करते हैं। वहीं इस मौके पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू के कुछ लोगों को एक समय में BJP-PDP की सरकार से उम्मीद थी। लेकिन आज ऐसा कोई नहीं है, जो परेशान ना हो। जम्मू कश्मीर में आज क्या हाल है, ये सबके सामने है। आज विकास के 7 साल हो गए, लेकिन हुआ कुछ नहीं।