बालाघाट (पदमेश न्यूज़)।अन्य विभागों की तरह पुलिस विभाग भी अब ऑनलाइन पद्धति की ओर आगे बढ़ रहा है। जहां जल्द ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित जिले के समस्त थानों में ज्यादातर कार्य ऑनलाइन पद्धति से संपन्न कराए जाएंगे। जिसकी संपूर्ण तैयारी पुलिस विभाग द्वारा पूर्ण कर ली गई है। जहां ऑनलाइन पद्धति के तहत आवेदन निवेदन उनकी जांच, मामले के निराकरण की जानकारी सहित अन्य प्रकार की सुविधा लोगों को घर बैठे उपलब्ध हो सकेगी। तो वही लोग घर बैठे एफआईआर भी दर्ज करा सकेंगे।इसके अलावा लोग पुलिस को दिए गए बयान, एफआईआर की कॉपी भी घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। यहां तक की कोर्ट की तारीख की जानकारी भी लोगों को घर बैठे मिलने लगेगी।जिले में इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिसकी तमाम जानकारी बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह द्वारा पत्रकारों को दी गई। जहां आयोजित इस पत्रकार वार्ता के दौरान ही जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से गुम हुए 155 मोबाइल सीईआईआर पोर्टल की मदद से पुलिस ने बरामद कर आवेदकों को सौंपे, जहां गुम हुए मोबाइल मिलते ही आवेदकों के चेहरे पर खुशी लौट आई।
देश के विभिन्न राज्यो में मिले जिले से गुम हुए मोबाईल
बालाघाट सायबर पुलिस ने सीईआईआर (सेंट्रल इक्वीपमेंट आईडेंटी रजिस्टर) पोर्टल की मदद से जिले से गुम हुए 3 लाख,25 हजार रु कीमत के 155 मोबाईल को खोज निकाला। सायबर सेल ने पोर्टल की मदद से गुम हुए मोबाईल की तलाश की तो यह जानकर उसके भी होश उड़ गए की बालाघाट में गुम हुए मोबाईल, प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, सिवनी सहित छत्तीसगढ़ के रायपुर, दिल्ली, हैदराबाद, नागपुर, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर सहित अन्य स्थानो पर संचालित हो रहे थे। जिसकी जानकारी के बाद सायबर सेल ने मोबाईल को खोज निकाला। बुधवार को सायंकाल 5 बजे पुलिस अधीक्षक नगेन्द्रसिंह ने मोबाईल धारकों को मोबाईल लौटाए। जिसे पाकर उनके चेहरे खिल उठे।
मोबाइल गुम होने पर तत्काल थाने में दे जानकारी- नगेन्द्रसिंह
पुलिस अधीक्षक नगेन्द्रसिंह ने बताया कि सायबर पुलिस ने सीईआईआर पोर्टल की मदद से गुम हुए 155 गुम मोबाइल फोन खोज निकाले हैं। इन मोबाइलों की कुल अनुमानित कीमत लगभग 23 लाख 25 हजार रुपए है। जिसमें आज कुछ मोबाइल फोन, मोबाईल धारकों को लौटाए गए। उन्होंने बताया कि सीईआईआर पोर्टल आधुनिक तकनीक का उपयोग कर गुम मोबाइल खोजने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने बताया कि सीईआईआर या फिर मोबाईल के ट्रेकर सिस्टम और सायबर पुलिस की हेल्पलाईन नंबर 1930 के माध्यम से भी सहायता लेकर गुम मोबाईल की सूचना दी जा सकती है।उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए बताया कि मोबाइल गुम होने की स्थिति में घबराएं नहीं। तुरंत थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएं और पोर्टल के माध्यम से शिकायत करें। यह प्रक्रिया सरल, सुरक्षित और पूरी तरह निःशुल्क है।गुम मोबाईल को ढूंढने में सायबर सेल प्रभारी अभिलाष मिश्रा, प्रआर. शोभेन्द्र डहरवाल, आर. बलिराम यादव, प्रदीप पुट्टे, पदमसिंह उइके, मआर. मेघा पांडेय, चांदनी शांडिल्य, शिखा मिसारे, आर. जय भगत और आर. सुभाष देवासे की भूमिका रही।