प्रधानमंत्री मोदी अपने पूरे अमेरिकी दौरे में दौरान एक्टिव मोड रहे। विमान में फाइलों का काम निपटाने के साथ ही अमेरिकी की 65 दिन के दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 20 बैठकों में हिस्सा लिया और जब भारत लौटे तो उसी दिन रात में अचानक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के लिए पहुंच गए। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निरीक्षण के दौरान वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक चीज का गहराई से निरीक्षण किया और वहां काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के भी बात की।
आखिर थकते क्यों नहीं हैं प्रधानमंत्री मोदी
ऐसे में हर कोई आखिर यही सोचता है कि प्रधानमंत्री मोदी इतना कठोर परिश्रम करने के बाद भी थकते क्यों नहीं है। लंबी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेना, बहुत कम नींद लेना, इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी इतने अधिक एनर्जेटिक कैसे रह लेते हैं? प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने वाले अधिकारी बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की एनर्जेटिक रहने की एक तरकीब है कि वे अपने काम के घंटों को एक के बाद एक व्यस्तताओं से भर देते हैं ताकि दिमाग को थकान में बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिल पाए। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी अपनी नींद को भी जरूरत के अनुसार ट्यून कर लेते हैं। साथ ही प्लेन में सफर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खूब पानी पीते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि फ्लाइट की हवा शरीर की नमी को सोख लेती है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है।