झारखंड का जामताड़ा और हरियाणा का नूंह जैसे शहर साइबर अपराध के लिए बदनाम हैं। अब भोपाल भी उसी राह पर चल रहा है। भोपाल अब साइबर अपराध का अड्डा बनता जा रहा है। यहां जामताड़ा और नूंह की तरह ही साइबर अपराधी सक्रिय हैं। वे लोगों को ठगने के लिए फर्जी बैंक खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस ने ऐसे कई गिरोहों को पकड़ा है जो साइबर अपराधियों को मदद करते हैं। ये गिरोह उन्हें फर्जी खाते और सिम कार्ड देते हैं। पुलिस इन गिरोहों को खत्म करने के लिए एक खास पोर्टल का इस्तेमाल कर रही है। इस पोर्टल पर कई शिकायतें दर्ज हैं और पुलिस उनकी जांच कर रही है।
समन्वय पोर्टल का इस्तेमाल कर रही पुलिस
भोपाल पुलिस साइबर अपराध को रोकने के लिए ‘समन्वय पोर्टल’ (NCCRP JMIS) का इस्तेमाल कर रही है। इस पोर्टल पर भोपाल के फर्जी बैंक खातों के खिलाफ 550 शिकायतें दर्ज हैं। इन खातों से 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी लेनदेन किए गए हैं। पुलिस अब इन गिरोहों को खत्म करने और ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए काम कर रही है।
शहर में संगठित गिरोह चला रहे अपराधी
पहले भोपाल के लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करके देश भर के लोगों से पैसे ठगे जाते थे। लेकिन अब पुलिस को पता चला है कि शहर में ही संगठित गिरोह चल रहे हैं। ये गिरोह ‘म्यूल’ बैंक खाते और पहले से चालू सिम कार्ड साइबर अपराधियों को देते हैं।
शहर में कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़
साइबर पुलिस अब इन संगठित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश कर रही है। वे ऑनलाइन वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए डिजिटल सुरक्षा उपायों को भी मजबूत कर रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्रभात स्क्वायर, ऐशबाग के पास चल रहे एक साइबर-धोखाधड़ी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। कॉल सेंटर के मालिक का बैंक खाता महाराष्ट्र के एक साइबर-अपराध पीड़ित से ठगे गए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था।