जितेंद्र सिंह बोले- भारत 2070 तक निवल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा

0

भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने वैश्विक स्तर पर दुनिया के देशों से कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी के साथ अपने ऊर्जा परिदृश्य में बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक निवल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन क्षमता तक पहुंचने, अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को नवीकरणीय स्रोतों में स्थानांतरित करने और कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन तक कम करने पर सहमति जताई है। सिंह ने ‘सेवंथ मिशन इनोवेशन’ और ‘13 क्लीन एनर्जी मिनिस्टीरियल’ के संयुक्त सम्मेलन ‘वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बढ़ोतरी मंच’ में कहा, ‘भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अहम हिस्सेदारी के साथ देश में ऊर्जा परिदृश्य को बदलने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।’ उन्होंने निजी क्षेत्र की दीर्घकालिक भागीदारी को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जैव अर्थव्यवस्था में ढलने की प्रक्रिया की सफलता भावी परियोजनाओं और उच्च निवेश व अत्यधिक जोखिम वाले महत्वाकांक्षी कदम उठाने पर निर्भर है।
सिंह ने कहा, ‘मैं ऐसा ही एक सफल उदाहरण देता हूं। हरियाणा के पानीपत में प्रतिदिन 10 टन एकीकृत एंजाइम उत्पादन क्षमता वाला प्रायोगिक संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र का संचालन दिसंबर में शुरू हो जाएगा। यह एंजाइम का उत्पादन करने वाला पहला स्वदेशी संयंत्र होगा।’ उन्होंने बताया कि ‘इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन’ ने प्रतिदिन 100 किलोलीटर उत्पादन क्षमता वाले वाणिज्यिक 2जी इथेनॉल संयंत्र में इस स्वदेशी एंजाइम की आपूर्ति करने की योजना बनाई है। इथेनॉल संयंत्र 2024 की दूसरी तिमाही में चालू हो जाएगा।
मंत्री ने कहा कि जैव ईंधन का सतत इस्तेमाल परिवहन क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने की दिशा में अहम भूमिका निभाता है और जैव प्रौद्योगिकी विभाग अत्याधुनिक जैव ईंधन और अपशिष्ट से ऊर्जा प्रौद्योगिकियां बनाने की दिशा में नवोन्मेषों को बढ़ावा दे रहा है। इस बीच, ‘वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा कार्रवाई मंच’ के इतर आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में अमेरिका के उप ऊर्जा मंत्री डेविड टर्क ने कहा कि भारत मौजूदा एवं भावी चुनौतियों समेत ऊर्जा संबंधी मामलों से काफी प्रभावशाली तरीके से निपट रहा है। टर्क ने कहा कि हाइड्रोजन भारत सरकार के साथ-साथ अमेरिका में भी निवेश का अहम क्षेत्र है। अमेरिका ने को हाइड्रोजन क्षेत्र में आठ अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘हमें (भारत-अमेरिका) ऊर्जा वार्ता का नाम बदलकर ऊर्जा कार्रवाई रखना चाहिए। लेकिन उससे भी जरूरी यह है कि हम प्रौद्योगिकी संबंधी इन सभी क्षेत्रों में काम करें। हम और भारत इस दिशा में काफी काम कर रहे हैं।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here