बालाघाट (पदमेश न्यूज़ )। सोमवार से बुधवार तीन दिनों तक चली जिला अस्पताल की सबसे कठिन परीक्षा 30 अप्रैल बुधवार को सम्पन्न हुई।जहां जिला अस्पताल के स्टैंडर्ड का निर्धारण करने एनक्यूएएस की टीम ने बालाघाट जिला अस्पताल पहुंचकर तीन दिनों तक जिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सेवाओं, सुविधाओं और व्यवस्थाओ का आकलन किया। तो वही नेशनल प्रोटोकॉल के तहत दिए गए बिंदुओं पर जिला अस्पताल की वस्तु स्थिति जानी। जहां बुधवार देर शाम जिला अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक कर, इस टीम ने निरीक्षण सम्बंधित आवश्यक जानकारी दी ,तो वही आवश्यक दिशा निर्देश देकर यह टीम अपनी गंतव्य की ओर रवाना हुई ।इस दौरान एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड) की टीम में शामिल सदस्य वेस्ट बंगाल अस्पताल से डॉ शिशिर नसकर, महाराष्ट्र जिला हिंगोली से सिविल सर्जन डॉ गोपाल शंकराराव कदम और चंडीगढ़ से आई डॉ रेनू ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन, आरएमओ सहित अन्य चिकित्सा अधिकारियों नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य पदाधिकारियो स्टाफ के साथ बैठक कर, निरीक्षण व सर्वे संबंधी जानकारी देकर, जल्द ही केंद्र द्वारा इस सर्वे रिपोर्ट जारी किए जाने की बात कही गई है। उधर अस्पताल प्रबंधन द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि वे अस्पताल की सबसे कठिन परीक्षा में जरुर सफल होंगे और केंद्र से आवश्यक पैकेज प्राप्त कर जिला अस्पताल की सेवाओं और सुविधाओं और व्यवस्थाओ में विस्तार किया जाएगा। जिसका सीधा फायदा जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों को मिलेगा।
70 से अधिक अंक मिलने पर केंद्र सरकार से मिलेगी प्रोत्साहन राशि
बालाघाट जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड के तहत परखने के लिए तीन सदस्यीय राष्ट्रीय स्तर की टीम ने सोमवार से बुधवार तक अस्पताल का व्यापक निरीक्षण किया है। बताया गया कि टीम के निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य अस्पताल की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर का मूल्यांकन करना है।निरीक्षण टीम में देश के विभिन्न राज्यों से आए। तीनो स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों जैसे ओपीडी, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू), ब्लड बैंक और ट्रामा सेंटर सहित गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं सहित अन्य सेवाओ व व्यवस्थाओ का गहन अवलोकन किया।बताया गया कि टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। यदि बालाघाट जिला अस्पताल को 100 में से 70 या उससे अधिक अंक प्राप्त होते हैं, तो अस्पताल को स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगभग 40 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।हालांकि यदि 70 से कम अंक प्राप्त होते हैं, तो निरीक्षण टीम द्वारा पाई गई कमियों को सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे और पुनः निरीक्षण के बाद अस्पताल की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा।
हमें उम्मीद है कि इस परीक्षा में हम जरुर सफल होंगे-जैन
जिला अस्पताल के नेशनल सर्वे पूर्ण होने को लेकर की गई चर्चा के दौरान सिविल सर्जन डॉ निलय जैन ने बताया कि बाहर से आई एनक्यूएएस नेशनल टीम ने तीन दिनों तक जिला अस्पताल में रहकर सर्वे किया है ।सभी डाक्यूमेंट्स ,पेपर वर्क, स्टैंडर्ड वर्क ,डॉक्टरों सीटर, व मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग, हवा, पानी, बिजली, मरीज को मिलने वाली सभी सुविधाए, बाबूओ के वर्किंग कार्य, अस्पताल में मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं सेवाओं व व्यवस्थाओं की जानकारी ली है।इस टीम को नेशनल प्रोटोकॉल के तहत जो बिंदु दिए गए थे उन सभी बिंदुओं का बारीकी से निरीक्षण कर टीम ने वास्तविक स्थिति जानी है।इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन के साथ करीब 2 से 3 बार बैठक ली है। इस बैठक में हमने बताया कि बालाघाट जिला पिछड़ा जिला है, आदिवासी जिला होने के कारण यहां संसाधनों की कमी है। बाहर से कोई भी डॉक्टर जिला अस्पताल आना नहीं चाहते, हमारे पास जो भी संसाधन है उससे ही बेहतर कार्य करने का प्रयास किया जाता है। जिला अस्पताल में अब तक मरीज और उनके परिजनों की कोई शिकायत भी नहीं है। इसमें जिला अस्पताल के सभी लोगों ने काफी मदद की है। हमने आईएएस जैसी कठिन परीक्षा दे दी है, पता नहीं इसका परीक्षा परिणाम क्या होगा और हमें कितने अंक मिलेंगे। लेकिन हमें उम्मीद है कि हम इस परीक्षा में जरुर सफल होंगे और इस नेशनल सर्वे में हमे बेहतर अंक मिलेंगे साथ ही केंद्र से यहां सेवाओं सुविधाओं और व्यवस्थाओ के लिए अतिरिक्त फंड भी जारी किया जाएगा। जिसका सीधा फायदा जिले वासियों को मिलेगा।