प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को मच्छर का काटना इतना नागवार गुजरा कि सीधी के जिला प्रशासन ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेते हुए आनन-फानन में सीधी के सर्किट हाउस प्रभारी इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया ।लेकिन वही मच्छर अगर आम आदमी को काट ले तो उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है मच्छरों से परेशानी का ताजा मामला जिला अस्पताल में सामने आया है जहां मरीज इन दिनों मच्छरों से परेशान हैं बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल के मरीजों को मच्छरों की वजह से रात को नींद नहीं आ रही है और अस्पताल प्रशासन की मनाही होने पर वे मच्छर को दूर भगाने के लिए अगरबत्ती या अन्य उपाय का सहारा नहीं ले पा रहे हैं।
जिला अस्पताल में मच्छर पनपने की असली वजह साफ सफाई का अभाव बताया जा रहा है जहां जगह-जगह गंदगी होने के कारण भारी संख्या में मच्छर पनप रहे हैं और जो मरीज वहां अपना उपचार कराने आ रहे हैं उन्हें वे अपना शिकार बना रहे हैं सवाल यही है कि प्रदेश के मुखिया को मच्छर ने काटा तो इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया यदि वही मच्छर आम आदमी को काटता है या मरीज को नुकसान पहुंचाता है तो फिर संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती।
सिविल सर्जन एके जैन ने बताया कि मच्छरों से मरीजों को निजात दिलाने के लिए सभी वार्ड की खिड़कियों में जालियां लगाई गई है लेकिन लोग लड़कियों का दरवाजा खुला रख देते हैं वही खिड़कियों की जाली पर पान गुटखा मसाला आदि झुकने से जालियां पड़ जाती है और मच्छर अंदर आ जाते हैं उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों से सहयोग बरतने की अपील की है वहीं उन्होंने आगे बताया कि वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हुए होते हैं।
यदि कोई मरीज या उसका परिजन अगरबत्ती जलाते हैं या कोई जलन सी चीज का प्रयोग करते हैं तो इससे आग लगने का खतरा बना रहता है जिसके चलते मरीजों और उनके परिजनों को मच्छर अगरबत्ती जलाने के लिए मना किया गया है। मच्छरों से निजात दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की बात कही है।