सभी शहरों में किसी न किसी क्षेत्र को साइलेंट जोन घोषित किया जाता है जहां ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित रहते हैं। बालाघाट जिला मुख्यालय में भी जिला अस्पताल वाले क्षेत्र को साइलेंट जोन घोषित करने की कवायद प्रारंभ हो गई है।
इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आरएमओ डॉक्टर अरुण लांजेवार द्वारा नगरपालिका कार्यालय पहुंचकर सीएमओ सतीश मटसेनिया को पत्र प्रेषित कर साइलेंट जोन के लिए कार्यवाही प्रारंभ करने आग्रह किया गया है।
आपको बताये कि जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर में रोजाना ही बड़ी संख्या में मरीज भर्ती होते हैं इसमें कई ऐसे मरीज होते हैं जो गंभीर स्थिति में होते हैं जिन्हें ध्वनि विस्तारक यंत्रों से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी पड सकता है। वही जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर के बीच अवंति चौक से जय स्तंभ चौक के लिए रोड है जिसमें बड़ी संख्या में भारी वाहनों का आवागमन हर समय होते रहता है। इस मार्ग पर पूर्व में कई बार भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रखा गया था, इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा अपने बनाए गए नियमों को शिथिल कर भारी वाहनों का आवागमन जारी रखा गया है।
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर अरुण लांजेवार के अनुसार अस्पताल में कई ऐसे गंभीर के मरीज होते हैं जो ऑपरेशन के बाद भर्ती होते हैं तो किसी को सांस लेने में तकलीफ होती हैं। डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन के अनुसार दिन के समय में 45 डेसीबल के ऊपर और रात्रि कालीन समय में 35 डेसीबल के ऊपर इसकी आवाज नहीं होना चाहिए।
नगरपालिका के अधिकारियों के अनुसार जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर में गंभीर प्रवृत्ति के उनके संस्थान हैं जहां मरीजों को रखा जाता है। उन्हें किसी प्रकार की असुविधा ना हो इस गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवेदन दिया गया है। नगर पालिका द्वारा साइलेंट जोन के लिए बोर्ड लगाया जाना है।