जिला प्रशासन पर आक्रोशित खैरलांजी जनपद सदस्य

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जनपद पंचायत खैरलांजी के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों को अपने कार्यों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जिसका कारण स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना का ना होना बताया जा रहा है। जहां पर वर्तमान में अतिरिक्त प्रभार में जनपद सीईओ वारासिवनी दीक्षा जैन पदस्थ है। जो सप्ताह में एक या दो दिन कुछ घंटे के लिए उपस्थित हो पाती है। ऐसे में ग्रामीणों को दूर जनपद पंचायत का भी कार्य प्रभावित होता जा रहा है। जिसको लेकर जनपद सदस्यों के द्वारा जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है की वर्तमान तक स्थाई जनपद सीईओ की स्थापना क्यों नहीं की गई है। विदित हो कि खैरलांजी जनपद जिले की महाराष्ट्र बॉर्डर से लगती है जिसके अंदर ६० ग्राम पंचायत आती है जो दो विधानसभा कटंगी और वारासिवनी में बटी हुई है। परंतु ६० पंचायत के ग्रामीण का काम जनपद पंचायत खैरलांजी से ही होता है जिसमें जनपद सीईओ की उपस्थिति ना होने के कारण लगातार लेट लतीफ ी होती जा रही है। इस दौरान ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधि भी जनपद के चक्कर लगा रहे हैं कि मुख्य कार्यपालन आधिकारी खैरलांजी से वह अपने क्षेत्र के कार्यों के बारे में चर्चा कर सके परंतु उन्हें परेशान होना पड़ रहा है।

बार बार बदले जा रहे जनपद सीईओ

जनपद पंचायत खैरलांजी में बीते करीब २ वर्षों से लगातार मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बदला जा रहा है। जहां पर वर्तमान में चौथे जनपद सीईओ है जो अतिरिक्त प्रभार में पदस्थ किये गये हैं। ऐसे में लगातार कार्यों की स्थिति पिछड़ते जा रही है तो वहीं अधिकारी कर्मचारी मनमर्जी के कार्य कर रहे हैं। यह कार्यालय खुलने और बंद होने का समय अधिकारी आने और जाने का समय कोई निश्चित नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा क्षेत्र की जनता परेशान हो रही है क्योंकि जनपद से सर्वाधिक हितग्राही मूलक कार्य संचालित किए जाते हैं जिस पर प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। ऐसे में जनपद के सदस्यों व जनता के द्वारा लगातार उनके क्षेत्र में आने वाले दो विधायक जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी से ज्ञापन के माध्यम से स्थाई जनपद सीईओ की मांग की जा चुकी है। परंतु उस पर आज तक कोई अमल नहीं हो पाया है जिसका कारण है कि जनपद पंचायत खैरलांजी आज भी अतिरिक्त प्रभार में संचालित की जा रही है।

स्थाई जनपद सीईओं नही होने से हितग्राही मूलक कार्य प्रभावित-ललित ठाकुर

जनपद सदस्य ललित ठाकुर ने बताया कि जनपद पंचायत खैरलांजी में ६ माह से १२ माह हो गया है परमानेंट जनपद सीईओ नहीं है अतिरिक्त प्रभार में जनपद सीईओ है तो वह भी समय पर नहीं बैठ रहे हैं। जिससे काम नहीं हो पा रहा है हितग्राही मूलक कार्य प्रभावित हो रहे हैं जो एक दुख का विषय है। मध्य प्रदेश में इकलौता खैरलांजी होगा जो लंबे समय से प्रभार में चल रहा है जिस कारण से यहां प्रशासन का अंकुश नहीं है। जनप्रतिनिधि की कोई सुनने वाला नहीं है नौकरशाही हावी है हम देख रहे हैं कि विधायक के द्वारा व्यवस्था की गई थी । परंतु वह नहीं आए जिस कारण अभी फि र अतिरिक्त प्रभार में यह चल रही है। हम चाहते है की क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेकर व्यवस्था बनाने का प्रयास करें।

खैरलांजी विहीन जनपद बनी हुई है-गिरीश बिसेन

पूर्व जनपद उपाध्यक्ष गिरीश बिसेन ने बताया कि जनपद पंचायत कैसे चल रही है पता नहीं दूर दूर से लोग आते हैं काम नहीं होते हैं बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी की उनको हस्ताक्षर चाहिए या कोई कार्य की शिकायत करना है परंतु कोई बात नहीं हो पा रही है क्योंकि प्रभारी है । हमें लगता ही नहीं कि यहां पर कोई जनपद है अधिकारी कर्मचारी विहीन जनपद बनी हुई है। उक्त मामले को लेकर सभी से निवेदन कर लिया गया है प्रेस वार्ता भी हो गई पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। सभापति का चुनाव पता नहीं क्यों नहीं हुआ जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर है वह ध्यान देंगे तो होगा और काम चलता रहेगा परंतु नहीं होना दुर्भाग्य है यहां पर दो विधायक लगते हैं एक पक्ष और एक विपक्ष के दोनों को बोला गया है किंतु आज तक कोई हल नहीं हुआ है। जल्दी ही कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई तो तालाबंदी अनिश्चितकाल तक की जाएगी।

विधायक और जिला प्रशासन को अवगत कराने के बाद नही बनी व्यवस्था-दुर्गाप्रसाद लिल्हारे

जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद लिल्हारे ने बताया कि ५ अगस्त २०२२ को हमारे द्वारा जनपद की शपथ ली गई थी और आज तक ४ सीइओ बदल दिए गए हैं। एक के साथ ६ महीने काम करने का भी अवसर नहीं मिल पाया है और लगातार हम स्थाई जनपद सीईओ की मांग कर रहे हैं। जिसमें जिला कलेक्टर और दोनों विधायक को बता दिया गया है परंतु आज तक कुछ नहीं हुआ अब पता नहीं जिला प्रशासन किसी दुर्भावना से खैरलांजी को देख रहा है। यहां पर हम भी आते हैं और क्षेत्र के लोग भी आते हैं वह शिकायत बताते रहते हैं परंतु सुनने वाला ही नहीं है । जनपद सीईओ शुक्रवार को १ घंटे के लिए आती है मैंने देखा है और चली जाती है परंतु लोगों का काम नहीं हो रहा है या निश्चित है बहुत परेशान है खैरलांजी क्षेत्र के लोग।

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