जिला मुख्यालय के मॉडल स्कूल पर वरिष्ठ अधिकारियों का नहीं कोई ध्यान !

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शासन द्वारा प्राइवेट स्कूलों की बराबरी में सरकारी स्कूलों को लाने काफी प्रयास किया जा रहा है लेकिन सरकारी स्कूलों की हालत सुधरने के बजाए बदहाल होते जा रही है। बालाघाट नगर मुख्यालय में स्थित डाइट प्राथमिक अभ्यास शाला को इंग्लिश मीडियम स्कूल में परिवर्तित किए 2 वर्ष हो गए हैं साथ ही सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराए जाने की बात भी कही जाती है लेकिन स्कूल की पढ़ाई को देखकर ऐसा कुछ नजर नहीं आता है।
आपको बताये कि डाइट प्राथमिक अभ्यास शाला को मॉडल स्कूल की संज्ञा दी गई है इंग्लिश मीडियम मॉडल स्कूल कर दिए जाने से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को इस शासकीय डाइट शाला में भर्ती कराया गया, जिससे इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 4 सैकड़ा तक पहुंच गई है। लेकिन वहां साफ सफाई कराए जाने के लिए एक चपरासी भी पदस्थ नहीं है। इसके कारण स्कूल में साफ-सफाई का अभाव तो रहता ही है साथ ही यहां शौचालय की स्थिति इतनी खराब है की वहां की गंदगी के कारण अधिकांश बच्चे उस शौचालय का इस्तेमाल ही नहीं करते।

शौचालय की स्थिति पिछले कई माह से खराब है लेकिन इस ओर ना ही स्कूल प्रबंधन ध्यान दे रहा है ना ही कोई विभागीय अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जाकर स्कूल परिसर में बाहर-बाहर निरीक्षण किया जाता है जिससे स्कूल में वाकई में पढ़ाई का स्तर कैसा है और स्वच्छता कैसी है इस समस्या का समाधान करने प्रयास नहीं किया जाता। प्राइवेट स्कूल के समान सुविधा दिए जाने की बाते कही तो जाती है जबकि छोटे से छोटे प्राइवेट स्कूल में तीन से चार भृत्य पदस्थ रहते हैं, वही 50,000 से अधिक की सैलरी लेने वाले शिक्षकों की पदस्थापना होने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर और सफाई व्यवस्था शून्य रहती है।

डाइट स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों में भी स्कूल की सफाई व्यवस्था को लेकर भारी नाराजगी है। अभिभावकों का कहना है कि मॉडल स्कूल कर दिए जाने से व्यवस्थाये चाहे पढ़ाई को लेकर हो या सफाई को लेकर अच्छी होगी, यही सोच कर बच्चों को भर्ती कराये थे लेकिन मॉडल स्कूल में व्यवस्था सही नहीं है। इसका कारण यही है कि जिला मुख्यालय में इस स्कूल से कुछ दूरी पर ही इनके वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय हैं लेकिन उनका इस स्कूल पर कोई ध्यान नहीं है जब जिला मुख्यालय के स्कूल के यह हाल है तो ग्रामीण दूरवर्ती क्षेत्रों के स्कूलों में कैसी व्यवस्था रहेगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना चाहिए।

इसके संबंध में चर्चा करने पर डाइट प्राथमिक शाला के प्रभारी प्रधानपाठक शिव कुमार गुप्ता ने बताया कि जब नगरपालिका में श्रीमती अनुभा मुंजारे अध्यक्ष थी उस समय इस डाइट स्कूल में नगरपालिका की तरफ से दो भृत्य थे। लेकिन अभी इस स्कूल में बच्चों की क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है लेकिन पिछले 10 वर्षों से इस स्कूल में एक भी भृत्य की व्यवस्था नहीं है। भृत्य नहीं होने से शिक्षक लोगों को स्वयं साफ सफाई करनी पड़ती है इस समस्या के बारे में शासन को दो बार पत्र लिखा जा चुका है तथा नगरपालिका में भी आवेदन दिया गया लेकिन भृत्य की व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई। फोन करने पर नगरपालिका से सफाई कर्मचारी आता है और सफाई कर चले जाता है। जहां तक शौचालय के सफाई की बात है तो नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों को बुलाकर शौचालय की सफाई करवाई जाएगी।

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