बालाघाट(पदमेश न्यूज)।बुधवार को जिला मुख्यालय सहित तहसील व अन्य ग्रामीण अंचलों में प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी अक्षय तृतीया पर्व पर भगवान परशुराम जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।जिसके तहत जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। इसी कड़ी में सर्व ब्राह्मण समाज बालाघाट द्वारा नगर के जय स्तंभ चौक स्थित माता त्रिपुरा मंदिर में भगवान परशुराम जी की सामूहिक तौर पर जयंती मनाई गई।जहां भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव पर हवन, पूजन, महा आरती, प्रसाद वितरण औऱ भंडारे का आयोजन किया गया। तो वहीं सामाजिक बंधुओ ने भगवान परशुराम की शान में गगन चुंबी नारे लगाते हुए उनका जयजयकार किया।उधर पूज्य सर्व ब्राम्हण सभा द्वारा भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर गोंदिया रोड स्थित नये श्रीराम मंदिर में शुक्रवार सुबह करीब 8-30 बजे से भगवान परशुराम जी की विशेष पूजा, अर्चना ,हवन, पूजन कर प्रसाद का वितरण किया।वहीं सामुहिक आरती ,प्रसाद वितरण सहित विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए। इसके उपरांत शाम करीब 07 बजे नये श्रीराम मंदिर से ही भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो विभिन्न माँर्गो का गस्त करते हुए वापस सिंधु भवन पहुंची।जहां शोभा यात्रा का समापन कर प्रसाद वितरण भंडारा सहित विभिन्न कार्यक्रम संपन्न कराए गए जो देर रात तक चलते रहे।
शोभायात्रा रही मुख्य आकर्षण का केंद्र
भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर पूज्य सर्व ब्राम्हण सभा द्वारा दिन भर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। जहा सुबह राम मंदिर में हवन पूजन कीर्तन कर महा आरती की गई, तो वहीं प्रसाद वितरण सहित विभिन्न आयोजन संपन्न कराए गए ।इसके अलावा भव्य शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया।जहां पूज्य सर्व ब्राह्मण सभा द्वारा बुधवार देर शाम नगर के श्री राम मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।यह शोभायात्रा नए श्री राम मंदिर से शहर के हनुमान चौक, महावीर चौक, राजघाट चौक, मेन रोड होते हुये कालीपुतली चौक से आम्बेडकर चौक होते हुये सिंधु भवन पहुची। जहां इस शोभायात्रा का समापन कर महाप्रसाद का वितरण किया गया।आपको बताएं कि नगर में निकाली गई भगवान परशुराम की शोभा यात्रा में भगवान परशुराम का स्वरूप, भगवान राम ,लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी रही तो वही इस शोभायात्रा के दौरान भगवान परशुराम के जयकारों से नगर गूंज उठा।
भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का हुआ था जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन त्रेतायुग का आरंभ हुआ था. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है।अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को परशुराम जंयती के रूप में भी मनाया जाता है.
जयंती विशेष पर की गई परशुराम और राम दरबार की विशेष पूजा-अर्चना
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भागवान परशुराम की जयंती आज 30 अप्रैल को धार्मिक माहौल में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जिला सर्वब्राम्हण समाज के अध्यक्ष राजेश पाठक की अगुवाही में सर्व ब्राम्हण समाज के बंधुओं ने नगर के त्रिपुर सुंदरी मंदिर स्थित भगवान परशुराम और राम दरबार की विधिवत पूजा अर्चना की। इस दौरान भगवान परशुराम और जयश्रीराम का उद्घोष किया गया। वीर शिरोमणि, परम पराक्रमी, भगवान परशुराम के प्रकट उत्सव पर माँ त्रिपुर सुंदरी मंदिर में प्रतिष्ठित भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थल पर मंत्र पूजन, हवन, महाआरती एवं प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।जो देर शाम तक चलता रहा।