बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
जिले में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार ना करने के बावजूद भी जैसे-तैसे जागरूक लोग आवेदन भी करते है, तो उन्हें योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि का आवंटन नहीं हो पाता। जिसके चलते इस योजना के तहत पात्र हितग्राही सरकारी कार्यालय के चक्कर काटते नजर आते हैं। बावजूद इसके भी उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाती। एक ऐसा ही मामला मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में सामने आया। जहां किरनापुर से आए भीमते दंपति ने एक ज्ञापन सौंपते हुए अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें प्रोत्साहन राशि दिए जाने की मांग की है।आपको बताए कि प्रदेश में अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा इस योजना का संचालन वर्ष 2007 में किया गया। सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को प्रदेश सरकार द्वारा प्रशंसा पत्र के साथ साथ शुरुआत में 50,000 रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती थी जो कि वर्ष 2014 में बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई थी।बाद में योजना के तहत हितग्राहियों को ढाई लाख रु देने की भी बात कही गई थी। लेकिन ऐसे कई हितग्राही है जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है बताया जा रहा है कि
ढेड़ साल से सरकारी कार्यालयों के काट रहे चक्कर- मंजीत
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान किरनापुर निवासी मंजीत भिमते ने बताया कि उन्हें पिछ्ले 18 माह से योजना का लाभ नही मिल पाया है। 2022 में उन्होने अंतर जातीय विवाह किया था जिसका लाभ आज दिनांक तक प्राप्त नही हुआ है। जिन्होंने जनसुनवाई में कलेक्टर मृणाल मीणा से विवाह प्रोत्साहन राशि दिलाए जाने गुहार लगाई है ।उन्होंने आगे बताया कि केवल वे ही नहीं, बल्कि ऐसे कई हितग्राही है जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि पहले विभागीय अधिकारियों द्वारा चुनाव का बहाना बनाया गया बोले कि चुनाव के बाद राशि आ जाएगी।लेकिन दो-दो चुनाव निपटने के बाद भी उन्हें यह राशि नहीं मिल रही है। इसके पूर्व कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा को भी वे ज्ञापन सौंप चुके हैं। वहीं वर्तमान में कलेक्टर मृणाल मीणा को भी उन्होंने ज्ञापन सौपा है।ज्ञापन के माध्यम से जल्द से जल्द प्रोत्साहन राशि दिए जाने की गुहार लगाई है