जिले में शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल का नहीं दिखा असर

0

प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत समस्त चिकित्सकों के लिए डायनामिक एश्योर्ड करीयर प्रोग्रेशन आदेश जारी किए
जाने, प्रदेश में कार्यरत सभी चिकित्सीय संवर्ग के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी रोकने , उच्चतम पदों पर चिकित्सकों की पदस्थापना करने, चिकित्सकों के लिए सिविल कोर्ट लागू करने, टर्म्स ऑफ़ प्रमोशन देने, सहित वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों को लेकर शासकीय/ स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने 17 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। जिनके हड़ताल के आह्वान पर जहां पड़ोसी जिला सिवनी सहित प्रदेश के 38 जिलों में समस्त शासकीय चिकित्सक ने 3 दिनों तक सांकेतिक रूप से हड़ताल की तो वही। तो वही आज चिकित्सक महासंघ के आह्वान पर प्रदेश के समस्त 38 जिलों में शासकीय चिकित्सकों ने अपना कार्य बंद रखा जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जहां शासन प्रतिनिधियों से चर्चा कर संगठन ने अपनी यह हड़ताल सुबह 11 बजे समाप्त कर दी ।लेकिन प्रदेश भर में की गई शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल का बालाघाट जिले में असर देखने को नहीं मिला।
जहां ना तो चिकित्सको ना तो सांकेतिक रूप से हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया। और ना ही वे इस हड़ताल में शामिल हुए बल्कि रोजाना की तरह जिला अस्पताल सहित जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य चलता रहा।

असमंजस की स्थिति में थे शासकीय चिकित्सक
वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की रहा पर कूद चुके प्रदेश के समस्त सरकारी चिकित्सकों ने जहां एक ओर शासकीय/ स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर तले इसके पूर्व दिनों मे सामूहिक रूप से सांकेतिक हड़ताल की थी।तो वही काली पट्टी बांधकर और कार्य से विरत रहकर विरोध भी जताया था। वही आज 17 फरवरी फरवरी से संपूर्ण प्रदेश में कार्य बंद हड़ताल का आह्वान किया गया था।जिसको लेकर बालाघाट जिले के शासकीय चिकित्सक पहले से ही असमंजस की स्थिति में थे । बताया जा रहा है कि जिस संगठन ने हड़ताल बुलाई थी, उस संगठन का प्रभाव बालाघाट जिले में काफी कम है । जिसके चलते बालाघाट जिले के शासकीय चिकित्सक इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए । लेकिन वे इस हड़ताल को लेकर असमंजस की स्थिति में पहले से नजर आ रहे थे। 17 फरवरी शुक्रवार को किए गए प्रदेश व्यापी सामूहिक हड़ताल को लेकर सरकारी चिकित्सकों में आज भी आसामंजस्य की स्थिति बनी रही। जहां एक ओर जिला अस्पताल के सरकारी चिकित्सक रोजाना की तरह आज भी काम पर आए जिन्होंने अपनी रूटिंग प्रक्रिया के तहत कार्य भी किया और वे किसी प्रकार की हड़ताल में शामिल नहीं हुए

कलेक्टर गिरीश मिश्रा ने जिला अस्पताल का किया आकस्मिक निरीक्षण
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने आज 17 फरवरी को जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरभ, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, डॉ दिनेश मेश्राम भी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जिला चिकित्सालय के डाक्टर्स हड़ताल पर नहीं है और सभी ड्यूटी पर उपस्थित थे। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक, ओपीडी, लेब, मेडिकल वार्ड का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई एवं स्वच्छता निरंतर बनाये रखी जाये। अस्पताल के सभी कर्मचारी अपने ड्यूटी के समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधायें मिलना चाहिए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here