उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए केन्द्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय एलर्ट हो गया है। इसकी समय से रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की टीम कानपुर भेजी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीका वायरस संक्रमण के नियंत्रण और रोकथाम के लिए राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और नयी दिल्ली के आरएमएल अस्पताल से एक कीटविज्ञानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की बहु-विषयक टीम को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए भेजा गया है। आपको बता दें कि इसी महीने की 22 तारीख को कानपुर के 57 वर्षीय व्यक्ति में जीका वायरस के संक्रमण का पता चला था।
विशेषज्ञों की ये टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी। इसके साथ ही टीम उस बात का भी आकलन करेगी कि क्या जीका प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्य योजना लागू की जा रही है। बयान में कहा गया है कि टीम राज्य में जीका के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में आवश्यक हस्तक्षेप की भी सिफारिश करेगी।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस बीमारी मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय में सक्रिय होते हैं। सबसे पहले साल 1947 में युगांडा के बंदरों में जीका वायरस पाया गया था। उसके बाद 1952 में ये युगांडा और तंजानिया में इंसानों में फैल गया। जीका वायरस के मामले अब तक एशिया, अफ्रीका, अमेरिका पैसिफिक द्वीपों पर मिले हैं।