वारासिवनी अंतर्गत ग्राम झालीवाड़ स्थित श्री साईं मंदिर में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी 13 वां श्री साईं मंदिर वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन 22 दिसंबर से प्रारंभ किया गया है जो अब अपने अंतिम दौर में चल रहा है। जहां दिव्यांशु जी महाराज के द्वारा व्यास आसन से श्री हनुमान कथा का संगीतमय वाचन किया जा रहा है। वही रात्रि में रामलीला का नाट्य मंचन अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें श्री हनुमान कथा के सातवें दिन यानी 29 दिसंबर को दिव्यांशु महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि जीवन में सरलता होना अति आवश्यक है एक गुरु और एक शिष्य थे दोनों भगवान की भक्ति में लगे रहते हैं एक दिन अचानक भगवान गणों ने शिष्य को अपने दर्शन दिए तभी वह अपने गुरु के पास गया और उन्हें कहा कि साक्षात भगवान पधारे हैं आप भी दर्शन कर लो। जैसे ही गुरु आए तो उन्हें कुछ नहीं दिखा शिष्य को सभी भगवान दिख रहे थे तो गुरु ने कहा कि यहां तो कोई नहीं है तो शिष्य ने कहा भगवान सामने ही तो खड़े हैं इस असमंजस को देखते हुए भगवान ने कहा कि हम केवल तुम्हें ही दिखते हैं तुम्हारे गुरु को नही तो शिष्य ने कहा कि मेरे गुरु तो बहुत ज्ञानी हैं विद्वान हैं। जिस पर भगवान ने कहा तुम जितने सरल हो उतने तुम्हारे गुरु नहीं है इसलिए हम तुम्हें दिख सकते है जिस पर उक्त बातें शिष्य ने अपने गुरु को बताया तो वह कहने लगे कि इतनी विद्या का क्या मतलब जब जीवन में सरलता विनय ही नहीं है तो और गुरु रोने लगे। जिस पर भगवान ने गुरु को भी दर्शन दिया यह पहला शिष्य था जिसने गुरु को भगवान के दर्शन कराये। सरलता जीवन में होनी चाहिए जो भगवान हनुमान के जीवन में थी हनुमान जी को आप आगे रहने बोलो या पीछे रहने बोलो उन्हें कोई समस्या नहीं थी किंतु आपको पीछे किया जाए तो गुस्सा हो जाओगे। इसलिए जीवन में सरलता रखें और हनुमान जैसा सेवा भाव किसी में भी नहीं रहा है जैसी कथा सुनाकर लोगों को जीवन में किस प्रकार स्वयं का व्यक्तित्व बनाए रखना इसके बारे में बताया गया। जहां पर आसपास के क्षेत्र व ग्राम के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराकर कथा का श्रवण किया। पद्मेश से चर्चा में समिति उपाध्यक्ष शिवचरण शरणागत ने बताया कि श्री हनुमान कथा के माध्यम से ग्रामीणों को सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलने और परस्पर प्रेम भाव से जीवन यापन करने की सीख कथावाचक गुरुदेव के द्वारा दी जा रही है। इस दौरान रात्रि मैं रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है जिसमें आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक ग्राम के लोग उपस्थित होकर धर्म लाभ ले रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि हिंदू धर्म की हर प्रकार की कथाओं को करना जिसके लिए प्रत्येक वार्षिक उत्सव में एक अलग कथा रखी जाती है। इस अवसर पर श्री साईं मंदिर वार्षिकोत्सव समिति के द्वारा नगर सहित क्षेत्र के लोगों ने अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील की है।