अपहरण दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे बंदी ने आत्महत्या करने के लिए नींद की डेढ़ दर्जन गोलियां गटक ली। घटना केन्द्रीय जेल की है। घटना का पता चलते ही जेल प्रबंधन मौके पर पहुंचा और बंदी को उपचार के लिए पहुंचाने के साथ ही मामले की शिकायत बहोड़ापुर थाना पुलिस से की। पुलिस ने जेल प्रबंधन की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पता नहीं चला है कि किन कारणों के चलते उसने आत्महत्या का प्रयास किया है। जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि बरुआ थाना रावतपुरा निवासी रवि पुत्र अजमेर राजपूत पर अपहरण कर दुष्कर्म का मामला दर्ज था। जिस पर उसे पांच वर्ष के कारावास की सजा मिली थी। जिस पर आठ जुलाई 2017 को उसे केन्द्रीय जेल शिफ्ट किया गया था। शुक्रवार को दोपहर वह दवा लेने के लिए जेल में बने अस्पताल में पहुंचा और वहां से लॉरोजीपम नामक नींद की करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा गोलियां गटक गया। मामले का पता चलते ही जेल में हड़कंप मच गया और अफसर भी मौके पर पहुंचे और प्राथमिक उपचार के बाद उसे एंबुलेंस की मदद से जेएएच में भती कराया।
पैरामेडिकल का किया है कोर्स: बताया गया है कि आत्महत्या का प्रयास करने वाले बदी ने भोपाल में चार माह का पैरामेडिकल कोर्स किया है। इसकी वजह से वह जेल के अस्पताल में डॉक्टर की मदद करता था और उसे मालूम था कि कौन सी दवा किस काम की है। ब हालत गंभीर बंदी की गोलिया गटकने से हालत बिगड़ गई है। अभी भी वह अर्थ बेहोशी की हालत में है, इससे पता नहीं चला है कि किन कारणों के चलते उसने आत्महत्या का प्रयास किया है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची व जांच पड़ताल शुरू कर दी है।