बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और हर-दिल-अजीज जैकी श्रॉफ को आपने ‘भिडू’ बोलते हुए खूब सुना होगा। वह फिल्मी पर्दे से लेकर आम जिंदगी में भी इस शब्द का खूब इस्तेमाल करते हैं। बहुत संभव है कि आप भी उनसे प्रेरित होकर इस शब्द का इस्तेमाल करने लगे होंगे। लेकिन अब ऐसा करना आपको कानूनी पचड़े में डाल सकता है। एक्टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भिडू’ शब्द के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्थानों के खिलाफ केस किया है।
जैकी दा ने मंगलवार को हाई कोर्ट में उनकी सहमति के बिना उनके नाम, तस्वीरों, आवाज और ‘भिडू’ शब्द के कथित ‘अनधिकृत’ उपयोग के लिए कई संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। ‘लाइव एंड लॉ’ के मुताबिक, जैकी श्रॉफ की याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। अदालत के समक्ष दायर यह मुकदमा आज के डिजिटल युग में ‘सेलिब्रिटी राइट्स’ को लेकर महत्वपूर्ण है।
भिडू का मतलब क्या है?
जैकी श्रॉफ ने यह केस ऐसे समय में किया है, जब इससे पहले अनिल कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स ने भी ऐसे ही ‘व्यक्तित्व अधिकार’ की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपनाया था। वैसे, जानकारी के लिए बता दें कि ‘भिडू’ एक मराठी शब्द है, जिसका हिंदी में मतलब जोड़ीदार से है।
अनिल कपूर ने ‘झकास’ के इस्तेमाल पर लिया था लीगल एक्शन
पिछले सितंबर महीने में दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनिल कपूर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया था। इसमें विभिन्न संस्थाओं को उनकी सहमति के बिना व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उनकी तस्वीर, नाम, आवाज या उनके व्यक्तित्व से जुड़े ‘झकास’ शब्द के दुरुपयोग पर रोक लगाई थी।
हाई कोर्ट ने अनिल कपूर के केस में ब्लॉक करवाए थे 44 लिंक
अनिल कपूर ने कोर्ट से उनकी सहमति के बिना उनकी फोटो, उनके नाम, उनके संक्षिप्त नाम AK, उनकी आवाज, या उनके फिल्मी किरदारों जैसे लखन, मिस्टर इंडिया, मजनू भाई, नायक और ‘झकास’ के उपयोग पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने AI, डीपफेक, कंप्यूटर जेनरेटेड ग्राफिक्स (CGI) आदि सहित किसी भी तकनीक के उपयोग से सुरक्षा की भी मांग की थी। एक्टर की कानूनी टीम ने तब अदालत में 44 ऐसे लिंक सौंपे थे, जिसे अदालत ने ब्लॉक करने का आदेश दिया।










































