जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरगांव के महाराजपुर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में विद्यार्थियों को टूटी छत के नीचे शिक्षा अध्ययन करने मजबूर होना पड़ रहा है। जहां पर शासन प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसकी मरम्मत करने के लिए ग्रामीणों के द्वारा मांग की जा रही है। विदित होगी शासकीय प्राथमिक शाला महाराजपुर की छत में सीमेंट शीट लगी हुई है जिसमें गड्ढे हो गए हैं तो वही दीवारों पर दरारें भी आ गई है। यह स्कूल करीब वर्ष 1952 में बनाए जाने की बात कहीं जा रही है जहां पर शासन के द्वारा दो अतिरिक्त कक्ष का भी निर्माण किया गया है परंतु एक अतिरिक्त कक्ष में आंगनबाड़ी संचालित हो रही है वहीं दूसरे अतिरिक्त और उक्त मुख्य भवन में स्कूल संचालित किया जा रहा है। ऐसे में सीमेंट शीट की मरम्मत को लेकर शासन स्तर पर पत्र वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा गया है पर इस समस्या का कोई समाधान नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन के द्वारा स्कूल की छत पर त्रिपाल डालकर अंदर कक्षाएं संचालित करवाई जा रही है ताकि वे मौसम बारिश में पानी अंदर ना आ सके।
ग्रामीण निपेन्द्र पटले ने बताया कि हमारे महाराजपुर की शासकीय प्राथमिक शाला की सीमेंट शीट टूट गई है जहां 5000 की त्रिपाल डालकर स्कूल की बचत की जा रही है। जबकि शासन ने किसी भी मद से छत का मरम्मत कार्य किया जाना था जो नहीं हुआ है जहां पर ग्राम के बच्चे बैठकर पढ़ाई करते हैं। बरसात या अन्य मौसम में बारिश होने पर समस्या होती है इस परिस्थिति में कभी भी किसी प्रकार की अनहोनी होने का डर लगा रहता है।
ग्रामीण मुकेश गौतम ने बताया कि ग्राम पंचायत डोंगरगांव के अंतर्गत महाराजपुर आता है जहां प्राथमिक स्कूल है जिसकी जर्जर स्थिति हो चुकी है। उसके लिए शासन को राशि देना चाहिए ताकि स्कूल का मरम्मत या नया भवन का निर्माण हो सके ताकि स्कूल सलामत रहे और हम ऐसी शासन से मदद की गुहार लगाते हैं। वहां पर सीमेंट की चादर अभी टूटी हुई है जिसका टुकड़ा कभी भी टूट कर बच्चों पर गिर सकता है और दुर्घटना हो सकती है।
प्रधान पाठक पुस्तकला पारधी ने बताया कि उक्त समस्या को लेकर हमारे द्वारा आवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया गया है। उसमें अब वह क्या कार्यवाही करते हैं इसकी अभी जानकारी नहीं है यह हमने पंचायत के माध्यम से आवेदन दिया है परंतु अभी तक कोई राशि नहीं मिली है राशि मिलते ही कार्य करवा दिया जाएगा।
सरपंच प्रतिनिधि दीपक भगत ने बताया कि स्कूल करीब 50 वर्ष से ज्यादा पुराना है जिसका प्रपोजल बनाकर जिला सर्व शिक्षा अभियान को भेज दिया गया है जहां से स्वीकृति मिलते ही नए भवन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। वर्तमान में जो भवन है उसमें बारिश के समय समस्या है और अभी त्रिपाल डालकर व्यवस्था की गई है।