बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।बैहर क्षेत्र केअंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत माना से ग्राम लपटी पहुंच मार्ग का टूटा हुआ पुल ,ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जहां के स्थानीय ग्रामीणों को उस टूटे हुए पुल पर बनाई गई वैकल्पिक व्यवस्था से भी आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उक्त टूटे हुए पुल को पिछले कई वर्षों से बनाए जाने की मांग की जा रही है। वही पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन भी किए गए हैं। बावजूद इसके भी उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसपर अपनी नाराजगी जताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने,तत्काल टूटे हुए पुल का निर्माण कराए जाने की गुहार लगाई है। तो वहीं उन्होंने मांग पूरी न होने पर 3-4 स्थानीय गांवों के ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन किए जाने की भी चेतावनी दी है।
पिछली बारिश में टूटा था पुल,आज तक नहीं बना
बैहर के ग्राम पंचायत माना से ग्राम लपटी पहुंच मार्ग पर पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाया गया पुल टूट जाने से स्थानीय लोगों सहित तीन गांव के लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष की बारिश में पुल टूट गया था।जिसपर ग्रामीणो ने जिला कलेक्टर के पास जाकर आवेदन दिया गया था।तब कही जाकर टूटे पुल के उपर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में एक लोहे का पगडंडी रपटा सा रास्ता बनाया गया था। जिससे आवागमन करने में स्थानीय ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तब से लेकर आज तक उसे पुल का निर्माण नहीं किया गया है। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है
जान जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे लोग
बताया गया कि पुल टूटने को एक वर्ष बीत गया है बावजूद इसके भी वैकल्पिक व्यवस्था के अलावा उस पुल के पुनः निर्माण के लिए अब तक शासन प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए है।जिससे तीन गांव के लोग जान जोखिम में डालकर पैदल पुल से आवागमन करने के लिए मजबूर है। बताया गया कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगातार 1 वर्षों से उक्त पुल का निर्माण कराए जाने की गुहार लगाई जा रही है।लेकिन ज्ञापन आवेदन निवेदन के बाद भी ग्रामीणों की कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसपर अपना आक्रोश जताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने जल्द से जल्द निर्माण की स्वीकृति न मिलने पर, आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
बीमार होने पर घर तक नहीं आती एम्बुलेंस
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पुल टूटा होने और वैकल्पिक व्यवस्था दुरुस्त न होने के चलते इस मार्ग से आवागमन करने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो वहीं भारी वाहन कार सहित अन्य वाहन भी पुल पार नहीं कर पाते हैं।जब गांव में कोई बीमार या डिलेवरी के लिए कोई महिला को अस्पताल ले जाना हों तब ग्रामीणों को काफी परेशान होना पड़ता है।पुल टूटा होने से गांव तक एंबुलेंस पहुंच नहीं पाती है,बताया गया कि क्षेत्र में ऐसे कई समस्या बनी हुई है, जिसपर विधायक द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोई काम की नही ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था
ग्रामीणों ने बताया कि यदि वैकल्पिक व्यवस्था भी की जानी थी तो बड़ा लोहे का पुल बनाकर, उसे मजबूती के साथ लगाना था। ताकि स्कूली बच्चों को स्कूल और किसी बीमार को अस्पताल ले जाने में दिक्कत ना हो।लेकिन वैकल्पिक पुलिया को लोहे के पाईप एंगल से लटका दिया गया है। ऐसे में यहां से स्कूली बच्चों का गुजरना और लोगों का आवागमन खतरे से खाली नहीं है। यही नहीं बल्कि किसी बीमार के त्वरित ईलाज और गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने तक, यहां वाहन आना संभव नहीं है, ऐसे में पुल के नाम से केवल खानापूर्ति की गई है। जिससे स्थानीय ग्रामीण काफी नाराज हैं।
जिम्मेदार भी नहीं करते सुनवाई
ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक और सांसद से भी नाराज है, उनका कहना है कि क्षेत्रीय विधायक फोन नहीं उठाते है और सांसद ने समस्या निराकरण का भरोसा दिलाया था लेकिन आज तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है ।समस्या का निराकरण कामपूर्ति दिखाई दे रहा है।