नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर घोषित 25% टैरिफ को बढ़ाकर 50% करके दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। शायद ही किसी ने सोचा था कि अमेरिका अपने महत्वपूर्ण सहयोगी भारत के साथ ऐसा कर सकता है, वह भी इस दलील के साथ जो पूरी तरह से अनुचित और तर्कहीन है। अभी यह भी अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ट्रंप यहीं पर रुकेंगे कि वह कोई और टैरिफ बम फोड़ेंगे। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से दो टूक कह दिया है कि वह अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उसका लब्बोलुआब यही है कि उन्होंने ट्रंप को संदेश दे दिया है कि उनके लिए व्यक्तिगत रिश्ते राष्ट्रहित के सामने कोई मायने नहीं रखते और ऐसे संबंध वह कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। इन परिस्थितियों के बीच नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने यह कहकर बहुत बड़ी उम्मीद दिखाई है कि इस संकट को पूरी तरह देशहित में इस्तेमाल करना जरूरी है।
‘पीढ़ी में एक बार वाला अवसर उपलब्ध’
जी20 के पूर्व शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 50% टैरिफ थोपकर इसे बहुत बड़ा मौका दे दिया है, जहां से भारत सुधारों की दिशा में बहुत लंबी छलांग लगा सकता है। भारत सरकार के थिंक टैंक के रूप में काम करने वाली संस्था के पूर्व सीईओ का इस तरह से आशावादी होना बहुत बड़ा संकेत माना जा सकता है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मौके कभी-कभी ही मिलते हैं। अमिताभ कांत एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा है,’ट्रंप ने हमें सुधारों की अगली लंबी छलांग लगाने के लिए पीढ़ी में एक बार वाला अवसर उपलब्ध करवाया है। संकट का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।’
ट्रंप ने 50% टैरिफ लगाकर बढ़ाई चुनौती
30 जुलाई को भारत से अमेरिका पहुंचने वाले सामानों पर 25% टैरिफ की घोषणा की थी। यह सात अगस्त से लागू होना था। लेकिन, रूस से कच्चा तेल खरीद जारी रखने के बहाने एक दिन पहले ही उन्होंने 25% और टैरिफ थोपकर इसे 50% तक पहुंचा दिया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। यही नहीं, ट्रंप ने भारत को ‘मित्र’बताते हुए रूस से हथियार और तेल खरीदना जारी रखने पर जुर्माना लगाने की भी चेतावनी भी दी हुई है। 25% वाला नया टैरिफ 27 अगस्त से लागू होना है।
50% अमेरिकी टैरिफ के मायने क्या हैं?
अमेरिका की ओर से 50% टैरिफ लगाने का मतलब ये है कि भारत से जो सामान अमेरिका आयात करेगा, वह स्थानीय बाजारों में अब बहुत महंगा हो जाएगा। अभी अमेरिका ने कुछ ही भारतीय चीजों को 50% टैरिफ के दायरे से बाहर रखा है और ज्यादातर भारतीय सामान 50% या जुर्माने के साथ और ज्यादा टैरिफ के दायरे में आने वाले हैं। इसका असर ये होगा कि अमेरिका में भारत से पहुंचने वाले झींगा, ऑर्गेनिक केमिकल, कालीन,रेडिमेड परिधान, टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, स्टील, एल्युमीनियम, तांबा, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, फर्नीचर और बेडिंग वाले सामानों पर कम से कम 50% टैरिफ लगेंगे और वहां के उपभोक्ताओं के लिए ये चीजें बहुत ही ज्यादा महंगी हो जाएंगी।
अलबत्ता अभी भारत से अमेरिका जाने वाले वाहनों पर 26% और पेट्रोलियम उत्पादों पर 6.9% टैरिफ लगाए जाएंगे। ट्रंप के इस फैसले से भारत से होने वाले निर्यात को बहुत बड़ा झटका लगने वाला है और इन सभी सेक्टर पर बहुत ही भारी दबाव पड़ने वाला है।