मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित लाभ दिलाने के उद्देश्य से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तो शुरू की गई लेकिन उसे कालाबाजारी से दूर रखने के लिए जिन तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है वह किसानों के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं।
धान खरीदी शुरू होने के 15 दिन बाद भी खरीदी केंद्रों में इक्का-दुक्का किसान ही धान लेकर पहुंच रहे हैं इससे अधिक किसान इस बात की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं कि उन्हें एसएमएस. क्यों नहीं आ रहे हैं क्या परेशानी हो रही है।
कृषि उपज मंडी गोंगलई परिसर में बनाया गया धान खरीदी केंद्र का जब हमने जायजा लिया तो किसानों ने अपनी परेशानी कुछ इस तरह से बताइए।
वहीं कुछ किसानों ने मोबाइल नंबर उनके आधार नंबर से लिंक नहीं होने की समस्या बताई। किसानों ने बताया कि ग्राम के करीब डेढ़ सैकड़ा किसानों के मोबाइल नंबर उनके आधार कार्ड से लिंक नहीं है, किसान मोबाइल नंबर को लिंक कराने के लिए सेंटर में जाते है तो वहां पर सर्वर डाउन होने सहित अन्य समस्याएं बताए जाने के कारण किसान निराश होकर वापस आ जाते हैं।