डाक मत पत्र मामले तहसीलदार के बाद बालाघाट एसडीएम को चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब हो की गत दिवस तहसील कार्यालय में डाक मत पत्रों की सार्टिंग को लेकर कांग्रेस ने कथित गिनती का आरोप लगाया था। जिसमे जांच के बाद जहां पहले पोस्टल बैलेट एआरओ एवम तहसीलदार हिम्मत सिंग भवेदी को निलंबित किया गया था। वहीं अब कार्रवाई की गाज बालाघाट आरओ एवम् एसडीएम पर गिरी है। एसडीएम गोपाल सोनी को निलंबित कर दिया गया है, और उनका प्रभार डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को प्रभार सौंपा गया है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे द्वारा कहा गया कि जिस प्रकार से डाक मत पत्र वाले विषय पर कार्यवाही हो रही है उसमें महज छोटे अधिकारियों को ही निलंबित किया जा रहा है जबकि इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा को सबसे पहले निलंबित करना था
आपको बता दे की 27 नवंबर को तहसील कार्यालय में बने अस्थाई स्ट्रांग रूम में डाक मतपत्रों की कथित गिनती का आरोप मामले में जिला प्रशासन की लगातार किरकिरी हो रही है। पहले निर्वाचन आयोग ने प्रक्रियात्मक त्रुटि मानते हुए डाक मतपत्र के नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह भवेड़ी को निलंबित किया था। अब जिला कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने जबलपुर कमिश्नर के आदेश के बाद बालाघाट के अनुविभागीय अधिकारी व विधानसभा क्रमांक-111 के रिटर्निंग अधिकारी गोपाल सोनी को निलंबित किया है। निलंबन से जुड़ा आदेश मंगलवार रात जारी किया गया है। कलेक्टर डा. मिश्रा ने डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को अपने वर्तमान कार्य के साथ अनुभाविभागीय अधिकारी बालाघाट का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। एसडीएम को निलंबित करने के संबंध में फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर अाधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। आदेश की प्रति इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित है।
डाक मतपत्र मामले में दो दिन में दो आधिकारी निलंबित-
गौरतलब है कि स्ट्रांग रूम में डाक मतपत्रों को गिनने का आरोप लगने के बाद जिला कलेक्टर सहित मतदान दल सवालों के घेरे में आ गया है। कांग्रेस लगातार इस मामले पर हमलावर है। प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक कांग्रेस नियम विरुद्ध तरीके से डाक मतपत्रों को गिनने का आरोप लगा रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने डाक मतपत्रों की गिनती करने जैसी बातों को खारिज करते हुए इसमें प्रक्रियात्मक त्रुटि होने की बात कही है। मामला सामने आने के पहले ही दिन चुनाव आयोग ने देर शाम लालबर्रा तहसीलदार और डाक मतपत्रों के नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह भवेड़ी को निलंबित किया था। अब जबलपुर कमिश्नर के आदेश के बाद जिला कलेक्टर ने बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी को 29 नवंबर के दिन जबलपुर कमिश्नर के आदेश के हवाला से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उनके कार्यभार को डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को दे दिया गया जबकि देखा जाए तो इन दो दिन में हुए दो निलंबन में इन अधिकारियों की स्पष्ट रूप से क्या गलती थी यह नहीं बताया जा रहा है और ना ही यह बताया गया कि इन्हें किस कारण से निलंबित किया गया है जबकि यह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का ही पालन कर रहे थे और जब यह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहे थे तो क्यों इन पर निलंबन जैसी कार्रवाई की गई और अब देखना यह होगा कि निकट भविष्य में इस मामले में निर्वाचन आयोग और किन-किन अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही करता है फिलहाल अभी जिले में इस पूरे मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा को ही जिम्मेदार मान रहा है किंतु निर्वाचन आयोग द्वारा इस विषय में जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा पर कोई भी कार्यवाही अभी तक नहीं की है जबकि यह विषय जिले से प्रदेश और प्रदेश से सेंट्रल तक चर्चा का विषय बना हुआ है
जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा पर सबसे पहले कार्रवाई की जानी थी-
कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे द्वारा पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान बताया कि जिस प्रकार से डाक मत पत्र वाले विषय पर निर्वाचन आयोग कार्रवाई कर रहा है उसमें महज छोटे अधिकारियों पर ही कार्रवाई की जा रही है जबकि इस पूरे विषय पर जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा पर सबसे पहले कार्रवाई की जानी थी क्योंकि उन्होंने जिले में निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाया है और ना ही उनकी भूमिका चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्ष रही है और अब जब मतगणना पास में आ रही है तो उसे देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा गड़बड़ियां करवाई जा रही है और इस विषय पर उनकी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के एजेंट की तरह इस चुनाव में भाजपा के लिए काम किया है जिस प्रकार से आज छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई हुई उसे देखकर यह लग रहा है कि जिला कलेक्टर अपने आप को बचाने में लग गए हैं और वह चाहती है कि इस पूरे मामले के दोषी गिरीश कुमार मिश्रा है और उन पर सबसे पहले करवाई होनी चाहिए और इसमें जो तहसीलदार और एसडीएम पर जो कार्रवाई हुई है इससे वह संतोष नहीं है और वह या मांग करती है कि राज्य निर्वाचन आयोग सबसे पहले गिरीश कुमार मिश्रा पर कार्रवाई करें
भारतीय जनता पार्टी आखिर क्यों चुप्पी साध कर बैठी है-
जिस प्रकार से डाक मत पत्र के विषय में जो धांधली हुई है उसे धांधली को देखते हुए निर्वाचन आयोग के द्वारा भी धीरे-धीरे कार्रवाई की जा रही है और सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी और कुछ निर्दलीय भी इस धांधली का विरोध कर रहे हैं किंतु भारतीय जनता पार्टी आखिर क्यों चुप्पी साध कर बैठी है क्या उन्हें नहीं लगता कि जो डाक मत पत्र में धांधली हुई है वह गलत है जबकि निर्वाचन आयोग स्वयं ने मान लिया कि वहां कुछ गलत हुआ है और उन्होंने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी आज मौन साद हुए हैं उससे कहीं ना कहीं यह साबित होता है कि इस सब धांधली में भारतीय जनता पार्टी भी शामिल है और यह धांधली करवाने में भारतीय जनता पार्टी का ही हाथ है जिसे जिला प्रशासन पर दबाव बनाकर यह सब धांधलीय करवाई है
स्ट्रांग रूम की चाबी रहती है गिरीश मिश्रा के पास –
अनुभा मुंजारे द्वारा पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान यह भी बताया गया कि वह पूरी निर्वाचन प्रक्रिया पर ही संदेश जाहिर करती हैं और इसमें भारी धांधली चल रही है और इसके प्रमुख दोषी कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा है उन्हें आगे ये भी बताया की स्ट्रांग रूम के तालों की चाबियां जो की सील बंद कर चाबियां को सुरक्षित तरीके से जिला कोषालय में जमा करवा दिया जाता है किंतु यहां पर उन्हें यह जानकारी लगी है कि यह सभी चाबियां जिला निर्वाचन अधिकारी के पास में रखी हुई है