शासकीय महाविद्यालयों के छात्रावास में सुविधाओं का अभाव अक्सर देखने मिलता है, लेकिन शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय के बालक छात्रावास का भवन अब इतना जर्जर हो चुका है, कि जिसे जल्द डिस्मेंटल किया जाएगा। हॉस्टल को डिस्मेंटल करने के बाद इसी स्थान पर नया छात्रावास बनाने की योजना है। हालांकि, इस प्रकिया में लंबा समय लग सकता है, लेकिन पीडब्ल्यूडी द्वारा सालभर पहले इस हॉस्टल को जर्जर घोषित करने के बाद इसे डिस्मेंटल की तैयारी की जा रही है। नए भवन के निर्माण में लगने वाले फंड के लिए महाविद्यालय स्तर पर यूजीसी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। नया हॉस्टल बनने से यहां रहने वाले छात्रों को सभी तरह की सुविधाएं मिल सकेंगी। आपको बता दें कि कुछ समय पहले यहां छात्रों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ा था।
रिपेयर करने की स्थिति नहीं बची
इस संबंध में छात्रावास अधीक्षक प्रशांत डहाटे ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान ने बताया कि स्व. श्री राजीव गांधी बालक छात्रावास पीजी कॉलेज के लिए वन विभाग द्वारा 1968 में जमीन उपलब्ध कराई गई थी। जिस पर 70 दशक में छात्रावास का निर्माण किया गया था, लेकिन समय के साथ भवन जर्जर हालत में पहुंच गया। जनवरी 2022 में पीडब्ल्यूडी ने सर्वे कर इसे जर्जर बताया था।
नक्शा-खसरा जुटाने में लग गया समय
जानकारी के अनुसार, जिस भूमि पर छात्रावास बना है, उस भूमि से जुड़ा नक्शा, खसरा सहित अन्य दस्तावेज कॉलेज प्रबंधन के पास उपलब्ध नहीं थे। इसके लिए प्रबंधन तथा छात्रावास अधीक्षक द्वारा तहसीलदार, एसडीएम से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने अपने रिकॉर्ड में ऐसे दस्तावेज होने से इनकार कर दिया। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने वन विभाग से संपर्क किया, तब जाकर प्रबंधन को 1968 के वक्त के अहम दस्तावेज मिल सके। अब प्रबंधन इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर यूजीसी और विभाग के उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजकर नए भवन के निर्माण के लिए फंड की मांग करेगा। छात्रावास अधीक्षक प्रशांत डहाटे ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन आगामी महीनों में छात्रावास को गिराकर उस स्थान पर हॉस्टल की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी, जिसमें छात्रों के लिए सभी तरह की सुविधाएं रहेंगी।
अभी 7 छात्र हैं निवासरत
मोक्षधाम रोड स्थित राजीव गांधी बालक छात्रावास को जर्जर घोषित करने के बाद से यहां छात्रों का रहना नहीं हो रहा है। वर्तमान में एमए कक्षा के 7 छात्र निवासरत हैं, जो अंतिम सेमेस्टर में हैं। बाहर किराये का कमरा लेने में असमर्थता जताते हुए छात्रों ने कुछ दिन के लिए छात्रावास में रहने का आवेदन दिया था, जिस आधार पर कुछ छात्र यहां रह रहे हैं। छात्रावास अधीक्षक ने बताया कि परीक्षा देने के बाद उक्त सभी छात्र भी हॉस्टल से चले जाएंगे।