अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते आतंक के बीच पड़ोसी देश ताजिकिस्तान ने देश का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया। ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन के आदेश पर गुरुवार को 2.30 लाख सदस्यों वाली सेना को अलर्ट किया गया। साथ ही अफगान सीमा पर 20 हजार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया। युद्धाभ्यास में जमीनी सेना, हवाई और तोपखाने के हथियार शामिल रहे। पूरे अभ्यास का लाइव प्रसारण भी किया गया। राष्ट्रपति राखमोन ने कहा- ‘अफगानिस्तान की स्थिति बहुत जटिल और अस्थिर हो गई है। सेना संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहे, ताकि देश की सीमा की सुरक्षा की जा सके।’
दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में 100 से ज्यादा लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। टोलो न्यूज के मुताबिक, स्पिन बोल्डक जिले में हमलावरों ने तबाही मचा दी है। अफगान सरकार ने इसके लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन तालिबान ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। अफगानी सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि स्पिन बोल्डक तालिबान ने लोगों के घर और सरकारी दफ्तर लूटे। कई शव इधर-उधर पड़े हैं।
अमेरिका ने की एयर स्ट्राइक
अमेरिका ने 30 दिनों में तालिबान के ठिकानों पर 6 से 7 एयर स्ट्राइक की। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा- ‘अफगान सेना का साथ देने के लिए हवाई हमले जारी रखेंगे।’ वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा- ‘अमेरिका की कार्रवाई को दोहा समझौते का उल्लंघन मानते हैं। हम खामोश नहीं रहेंगे।’
अफगान राष्ट्रपति के सत्ता छोड़ने तक नहीं होगी शांति: तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने एक इंटरव्यू में कहा- ‘तालिबान उस वक्त हथियार डालेगा, जब गनी की सरकार चली जाएगी और ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो। स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते। ’
अफगान महिलाओं की ललकार- हम मर जाएंगे, लेकिन काम नहीं छोड़ेंगे
अफगानिस्तान में तालिबान का दायरा बढ़ने पर महिला कारोबारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। राजधानी काबुल में रहने वाली डिजाइनर मर्जिया हफीजी (29) बताती हैं कि उन्होंने 2018 में कपड़े का स्टोर खोला था। 1996-2001 तक तालिबान के शासन के दौरान ऐसा सोच पाना भी नामुमकिन था। अगर तालिबान वापस आता है तो अपने पुराने कानून को लागू कर सकता है। इससे मुझे इस कारोबार को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है। इसलिए मेरे दोस्त और परिवार देश छोड़ने के लिए कह रहे हैं। आतंक के खिलाफ मैं मरना पसंद करूंगी, लेकिन काम नहीं छोड़ूंगी। इतना ही नहीं अपने अस्तित्व के लिए हमेशा लड़ती रहूंगी।