तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर करेगा रूस! व्‍लादिमीर पुतिन ने दिए बड़े संकेत

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अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में काबिज होने के बाद से तालिबान लगातार अपने लिए अंतरराष्‍ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटा है। इस बीच रूस की ओर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वह तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर निकाल सकता है। राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्‍तान के नए ‘शासकों’ के साथ रूस की एक उच्‍च स्‍तरीय बातचीत के एक दिन बाद कहा कि रूस तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर करने की दिशा में बढ़ रहा है।

10 देशों का मिला समर्थन

रूस ने तालिबान को साल 2003 में आतंकी संगठनों की सूची में रखा था, लेकिन इसी साल अगस्‍त में काबुल पर तालिबान के कब्‍जे से पहले रूस ने तालिबान का बातचीत के लिए कई बार मास्‍को में स्‍वागत किया। अफगानिस्‍तान की आर्थिक मदद को लेकर मास्‍को में बुधवार को एक अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन हुआ, जिसमें अफगानिस्‍तान के निर्माण के लिए आर्थिक मदद व मानवीय सहायता को लेकर तालिबान को चीन, पाकिस्‍तान सहित दुनिया के करीब 10 देशों का समर्थन प्राप्‍त हुआ।

अफगानिस्‍तान की आर्थिक व मानवीय सहायता के लिए रूस, चीन, पाकिस्‍तान, भारत, ईरान के साथ-साथ पूर्व सोवियत संघ से अलग होकर अस्तित्‍व में आए पांच देशों ने भी सहमति जताई। इन देशों ने अफगानिस्‍तान के निर्माण के लिए जल्‍द से जल्‍द इसी तरह का सम्‍मेलन बुलाने पर जोर दिया। अफगानिस्‍तान के पुनर्निर्माण के लिए आयोजित इस बैठक में अमेरिका ‘तकनीकी’ कारणों का हवाला देकर शामिल नहीं हुआ। हालांकि उसने आगामी दौर की वार्ताओं में शामिल होने की बात कही है।

पुतिन ने दिए संकेत

इन सबके बीच रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने तालिबान को आतंकियों की सूची से बाहर निकालने के संकेत दिए हैं। तालिबान ने 1990 के दशक में अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को चिंताओं में डाल दिया था, जब उस पर अलकायदा और इसके प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अफगानिस्‍तान में पनाह देने का आरोप लगा। 1996 में अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में आने के बाद इस पर मानवाधिकारों, खासकर महिलाओं के अधिकारों के उल्‍लंघन के कई गंभीर आरोप भी लगे। तालिबान ने महिलाओं को शिक्षा और कामकाज से भी रोक दिया था और गलतियों के लिए पत्‍थर मारने सहित कई तरह की क्रूर सजाओं का प्रावधान किया था।

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