तिघरा का जलस्तर घटा ताे टापू के रूप में उभरा मृगनयनी का गांव राई

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राजा मानसिंह और मृगनयनी की प्रेम कहानी तो सभी ने सुनी होगी। साथ ही उनके प्रेम का प्रतीक गूजरी महल भी देखा होगा, लेकिन अब मृगनयनी का प्राचीन गांव राई टापू के रूप में उभर कर आया है। राई गांव का यह नजारा तिघरा बांध का जलस्तर गिरने से दिखा है। बोटिंग के जरिए यहां पर्यटक भी पहुंच सकेंगे।

शहर को पर्यटन के क्षेत्र विशेष पहचान दिलाने कई प्रयास किए जा रहे हैं। ग्वालियर में 19 किलोमीटर दूर तिघरा बांध के आसपास पर्यटन को बढ़ाया दिया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू की नीरसता को दूर करने शहरवासियों को मृगनयनी टापू के रूप में नई सौगात मिलने जा रही है। पर्यटक तिघरा में बोटिंग करने के साथ ही राई गांव के टापू पर भी पार्टी करने व समय बिताकर सकेंगे।

तिघरा बांध की क्षमता तिघरा बांध की जल क्षमता:

-739 फीट वर्तमान जलस्तर

-720.25 फीट जल भराव क्षमता

-4200 एमसीएफटी जलभराव क्षमता

-1200 एमसीएफटी वर्तमान जलभराव

1916 में बना था तिघरा बांध

-मुख्य गेट से 100 मीटर से ज्यादा क्षेत्र में खाली हो गया पानी

-बांध में लगे गेट से 10 फीट नीचे आ गया पानी

-बांध में सात रेडियल गेट 730 फीट पर लगे हैं।

-64 प्राचीन गेट लगे हैं तिघरा में

प्रतिदिन पानी की खपत

-प्रतिदिन 10 एमसीएफटी पानी हो रहा है शहर में पेयजल के लिए सप्लाई

-15 एमसीएफटी पानी शुक्रवार को हुआ वाष्पीकृत

-15 एमसीएफटी पानी आ रहा है पेहसारी बांध से

-31 जुलाई तक का पानी शेष है तिघरा जलाशय में

-710 फीट तक ले सकते हैं तिघरा से शहर के लिए पानी

प्राचीन मूर्तियों व अवशेषों से रूबरू होंगे पर्यटकः मृगनयनी के गांव राई में आज भी प्राचीन मूर्तियां व अवशेष देखने को मिलते हैं। टापू पर कुआं भी मौजूद है। रानी मृगनयनी व राई गांव के बारे में गुर्जर परिवार में मिली किताबों में काफी पढ़ने को मिलता है। इसे अब पर्यटक टापू पर पहुचंकर अपने आंखों से देख सकेंगे। जिस मंदिर में मृगनयनी पूजा करती थीं वहां भगवान गणेश, नंदी व हनुमान आदि की मूर्तियां आज भी हैं।

बढ़ेगा मगरमच्छों का कुनबा: तिघरा से छह किमी दूर मगर कुंड में मगरमच्छों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गर्मी के मौसम इनकी ब्रीडिंग का समय होता है। स्थानीय लोग बताते हैं कुंड में दर्जनों मगरमच्छ हैं।

पिकनिक के लिए तिघरा परिसर में लग रहीं छत्रियांः तिघरा बोट क्लब मैनेजर नितिन कटारे ने बताया कि अब पर्यटक अपना ज्यादा से ज्यादा समय तिघरा बांध के पास व्यतीत कर सकेंगे। इसके लिए तिघरा परिसर में 10 छत्री लगाई जा रही हैं। यहां छांव बैठकर सैलानी परिवार के साथ पानी के पास पिकनिक का मजा ले सकेंगे। यहां कैंटीन भी तैयार की जा रही है, जहां हर प्रकार के स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक और मिनरल्स वाटर भी उपलब्ध रहेंगे।

अगस्त में आएगा मिनी क्रूजः मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सलाहकार राजेंद्र निगम ने बताया तिघरा में अगस्त तक मिनी क्रूज पहुंच जाएगा। इस पर सैलानी बारिश के दौरान सैर कर सकेंगे। इस पर एक बार में तीस पर्यटक बैठ सकेंगे। इस क्रूज में सैलानी मिनी पार्टी भी कर सकेंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सैलानियों को लाइव जैकेट पहनाई जाएगी।

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