देश में जिस तेजी से स्वाइन फ्लू के मामले आ रहे हैं, उससे स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैरान हैं। लोगों से स्वाइन फ्लू के संक्रमण के खतरे को लेकर आगाह किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सुवरों से फैलने वाली यह बीमारी इंसानों तक कैसे पहुंच रही है। इसके लक्षण क्या है और यह हमारे लिए कितनी घातक है। संक्रमण से बचने के तरीकों पर भी बातचीत की जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दिल्ली में अगस्त 2021 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। फॉर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर अवि कुमार कहते हैं कि दिल्ली इस वक्त स्वाइन फ्लू के शुरुआती चरण में हैं। महाराष्ट्र में तो केस तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वाइन फ्लू आमतौर पर इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जो सुअरों में रहता है। मूल रूप से यह वायरस हमारी ऊपरी श्वसन प्रणाली प्रभावित करता है।महाराष्ट्र में अब तक स्वाइन फ्लू के 142 से अधिक मामले और सात मौतें हुई हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और केरल ने भी मामले दर्ज किए हैं।
दूसरे राज्यों के मुकाबले भले ही दिल्ली में अभी स्वाइन फ्लू के बहुत अधिक मामले नहीं हैं, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो यह कभी भी बढ़ सकता है। अपोलो हॉस्पिटल के डॉ चटर्जी के अनुसार, स्वाइन फ्लू शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमने इस बीमारी में इतनी मृत्यु दर देखी है कि जब यह अपने चरम पर था तो उसे महामारी ही कहा जा रहा था। स्वाइन फ्लू से इंसानी शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। सबसे ज्यादा खतरा श्वसन प्रणाली में होता है।’स्वाइन फ्लू आम तौर पर सूअरों के करीब रहने वाले या उन्हें संभालने वालों में फैलता है। इसके बाद यह एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी से आ जाता है।
65 वर्ष से अधिक आयु के लोग या फिर किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है। फोर्टिस के डॉक्टर के अनुसार, इससे प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है, लेकिन यह कोविड की तुलना में धीरे फैलता है।कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू संक्रमण के लक्षण आम तौर पर समान होते हैं। कोरोना के दौरान संक्रमितों ने गंध और स्वाद खो दी थी, लेकिन आजकल लक्षण लगभग समान हैं।