वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत थानेगांव एवं ग्राम के सिरहाटोला में किसान परहा लगाने के लिए नहर के पानी का इंतजार कर रहे हैं। जहां पर किसानों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मुख्य ढूटी नहर कैनाल से आने वाली माइनर नहर बुरी तरह जर्जर एवं खस्ताहाल हो चुकी है। जहां पर जगह.जगह गड्ढे हो गए हैं तो वहीं नहर की पार कमजोर हो गई है। जिसका पानी व्यर्थ में विभिन्न स्थानों पर खेतों या जंगलों के माध्यम से नाले में जा रहा है। ऐसे में किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत कर नहर में व्यवस्था की जा रही है फि र भी पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिसको लेकर किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डोंगरगांव से मेंढक़ी जाने वाली मुख्य नहर से एक माइनर नहर थानेगांव के लिए आती है जो सिरहाटोला से होते हुए सीधे कोस्ते नाले तक जाती है। यह नहर करीब ७० वर्ष पूर्व बनाई गई थी जिसके बाद से नहर का जीर्णोद्धार या व्यवस्थित मरम्मत विभाग के द्वारा नहीं की गई है। जहां पर पूरी नहर में झाडिय़ां उग गई है तो वहीं मिट्टी जमी हुई है ,चूहों के द्वारा नहर के अंदर बड़े बड़े गड्ढे बना दिए गए हैं जिसके कारण पानी गांव तक नहीं आ पाता है। यदि किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत कर पानी को लाने का प्रयास किया जाता है तो विभिन्न स्थानों से पार टूट जाती है। जिससे दूसरे किसानों को भी नुकसान होने का खतरा बना रहता है कि यह पार एक तरफ से टूटे तो जंगल में पानी जाता है और दूसरे तरफ से टूट जाए तो लोगों के खेतों में जहां किसान काफ ी चिंतित रहते हैं। बाकी यह पानी माइनर में एक किलोमीटर दूर के बाद दिखाई नहीं देता है तो वहीं बीते कुछ वर्षों से यह नहर का पानी थानेगांव तक नहीं पहुंच पाया है। जिससे किसान काफ ी परेशान है अभी भी करीब ४०० एकड़ से अधिक भूमि के किसान है जिनके द्वारा परहा नहीं लगाया गया है। तो वहीं कुछ व्यक्तियों के द्वारा खेत में कीचड़ कर परहा कार्य प्रारंभ किया गया है । वहां भी पर्याप्त रूप से कीचड़ नहीं है ऊपर चिकनी मिट्टी देखने मिल रही है जहां आसानी से व्यक्ति कीचड़ पर चल पा रहे हैं। इस प्रकार लोगों के द्वारा परहा लगाया जा रहा है वह भी बारिश के पानी के कारण उन्हें आगे की चिंता सता रही है। हालांकि किसानों के द्वारा पूर्व में अनेकों बार और अभी खेती कार्य प्रारंभ होने के पहले भी सिंचाई विभाग को शिकायत की गई थी जिसमें विभाग के द्वारा कार्य करने की बात कहीं जा रही है। किंतु विभाग के द्वारा किया गया कार्य किसानों को समझ नहीं आ रहा है क्योंकि अंतिम छोर तो दूर आधे रास्ते भी पानी नहीं आ रहा है जो मुख्य रूप से किसानों के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में किसानों के द्वारा नहर की मरम्मत कर अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध कराने की मांग सिंचाई विभाग से की जा रही है।
वर्तमान सरपंच ने चुनाव जितने के लिये घोषणा किया था की नहर बनायेंगे काम तो दूर झाड़ी तक सफाई नहीं हो पाई-नरेंद्र सुलकिया
किसान नरेंद्र सुलकिया ने बताया कि यह नहर करीब ७० वर्ष पुरानी है इसकी मरम्मत या जीर्णोद्धार का काम जो होना था वह आज तक नहीं हुआ है। बल्कि गांव की सभी माइनर का काम हो चुका है यह अकेली मुख्य कैनाल से जुड़ी हुई माइनर है इसका काम आज तक नहीं होना किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है। चुनाव आते ही हमेशा नहर का माइनर बनाए जाने की बात कही जाती है पर यह केवल भाषण तक है किसान इतना परेशान है। हम खेती के समय अधिकांश काम नहर पर करते हैं क्योंकि यदि कभी उसकी पार टूट गई और पानी आ गया तो खेत बर्बाद हो जाएंगे पानी की बहुत समस्या है कैनाल में पानी है। माइनर में पानी नहीं है जगह.जगह से नहर टूट गई है वर्तमान सरपंच ने अपने चुनाव के घोषणा पत्र में इस माइनर के काम करने की बात कहा था परंतु कोई काम तो दूर झाड़ी तक सफ ाई नहीं हो पाई। एक काम कम करवाते पर इन्हें नहर पर ध्यान देना था यह किसानो की समस्या है।
नहर के पानी को तरस रहे किसान-शुभम पटले
किसान शुभम पटले ने बताया कि ईश्वर का धन्यवाद की बारिश हो गई हमारे खेत में थोड़ा बहुत पानी जमा हुआ जिससे खेती लग गई। नहर की नाली का पानी तो आया ही नहीं ३ वर्ष हो गया मैं घर से यह खेती कर रहा हूं नहर का पानी मैं आज तक देखा ही नहीं। पूर्व की समस्या यथावत बनी हुई है यहां से ऊपर तक यदि हम चूहे के गढढे बंद करते हुए जाते हैं तो बहुत मेहनत हो जाती है दिक्कत भी बहुत होती है। फि र भी पानी आया तो ठीक वरना पूरी मेहनत व्यर्थ रहती है पानी की बहुत समस्या है मेहनत बहुत ज्यादा है। अधिकारी रुपये लेने आए थे तो हमारे दादाजी ने कहा था और अभी खेती कार्य चालू करने के पहले फोन लगाकर भी उन्हें बताया था उन्होंने काम किया बोलते हैं परंतु दिख नहीं रहा है। क्योंकि पानी नहीं आया है अभी हमारे इधर अनेको लोगों का परहा बचा हुआ है वह भी पानी की रास्ता देख रहे हैं।