बालाघाट नगर मुख्यालय में दशहरा पर्व पानीपत की तर्ज पर मनाया जाता है इस दिन 40 किलो वजनी मुकुट पहनकर हनुमान जी का स्वरूप धारण कर भ्रमण करने वाले हनुमान जी शोभायात्रा के प्रमुख आकर्षण का केंद्र होते है। हालांकि कोविड काल के चलते बीते वर्ष में मुकुट धारण कर हनुमान जी द्वारा शहर भ्रमण नहीं किया गया था बल्कि नये राम मंदिर से प्रतीकात्मक रूप से चल समारोह निकालकर रावण दहन किया गया था। उसी प्रकार इस वर्ष भी कोविड के नियमो का पालन करते हुए प्रतीकात्मक यात्रा दशहरे के दिन निकाली जाएगी।
आपको बताये कि प्रशासन द्वारा शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है फिर भी जो परंपरा रही है उसके अनुरूप रावण दहन करने के लिए श्री राम लक्ष्मण की यात्रा निकाली जाएगी। यह भी सभी जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से नए राम मंदिर के दो समितियों के बीच विवाद की स्थिति रही है उसे देखते ही दशहरा पर्व के दौरान किसी भी प्रकार का विवाद सामने ना आए और दोनों ही समितियों के पदाधिकारी आपसी सामंजस्य के साथ मिलजुल कर इस पर्व को मनाए। इसको लेकर दोनों ही समितियों को 3 – 3 सदस्यों को बुलाकर एसडीएम कार्यालय में बैठक रखी गई थी।
एसडीएम के सी बोपचे के द्वारा रखी गई इस बैठक में तहसीलदार रामबाबू देवांगन, सीएसपी अपूर्व भलावी, कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत, महावीर सेवादल समिति के पदाधिकारी कुलदीप गांधी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक के पश्चात एसडीएम के सी बोपचे ने बताया कि दोनों ही समितियों द्वारा आपसी सहयोग से सामंजस्य स्थापित कर दशहरा पर्व मनाया जाएगा। चल समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा बल्कि प्रतीकात्मक रूप से रावण दहन होगा, रामचंद्र जी की जो परंपरा रही है उसका पालन किया जाएगा।
महावीर सेवा समिति नया राम मंदिर के पदाधिकारी कुलदीप गांधी ने बताया कि बैठक में दशहरा पर्व मनाने के संबंध में रूपरेखा तय की गई। सबने सर्वसम्मति से निर्णय लिया दशहरा पर्व को कोविड के प्रोटोकाल का पालन करते हुए बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा, सारे कार्यक्रम दोनों समितियों की रजामंदी से हो रहे हैं।
महावीर सेवादल समिति के पदाधिकारी आशीष कोछड़ ने बताया कि एसडीएम के समक्ष दोनों समितियों ने सर्वसम्मति से दशहरा पर्व को पारंपरिक रूप से मनाने का निर्णय लिया है इसमें किसी प्रकार का वैमनस्य नहीं है। हनुमान चल समारोह के संबंध में प्रशासन से एक बार और भेंट होनी है हमारा मानना है हम सहमति बना लेंगे।
बैठक में मौजूद पदाधिकारी राजेश बत्रा ने बताया कि एसडीएम द्वारा निर्णय दिया गया दोनों समितियां मिलकर राम लक्ष्मण का चयन करेंगे, इसमें हमारी भी सहमति है। दो से तीन मेम्बर हमारी समिति के और उतने ही मेंबर दूसरी समिति के मिलकर जुलूस और मंदिर की व्यवस्था देखेंगे।
आपको बताये कि इस वर्ष हनुमान जी का स्वरूप लवली सचदेवा के पुत्र शिवम सचदेवा द्वारा धारण किया जा रहा है। लगभग 22 वर्ष पूर्व इनके चाचा रजनीश सचदेवा द्वारा हनुमान जी का स्वरूप धारण किया गया था। 22 वर्ष बाद फिर इनके परिवार को हनुमान जी का चोला धारण करने का अवसर मिला है।