नक्सली गतिविधियों की वजह अतिसंवेदनशील बालाघाट जिले के दूरस्थ अंचलो में रहने वाले हजारों आदिवासी और पिछड़े समाज ऐसे है जो आज भी शासन की अनेको योजनाओ से सिर्फ इसलिए वंचित है कि इनके पास आधार कार्ड,, सहित अन्य दस्तावेज नही है वंही राजस्व के फौती,नामांतरण, जैसे दस्तावेज भी 15-20 वर्षो से नही बने है । दस्तावेज के अभाव में अपने कई अधिकारों से वंचित बैगा आदिवासी जनजाति की समस्या को लेकर आए दिन अखबार में न सिर्फ प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया जाता है बल्कि लगातार सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत भी कराया जाता है बावजूद इसके भी अब तक बैगा आदिवासी जनजाति के लोगो को दस्तावेजो के अभाव में इधर से उधर भटकना पड़ता है,और दस्तावेज न होने के कारण वे कई योजनाओं से वंचित हो जाते है पिछले दिनों से कुछ आदिवासी ग्रामीण इलाकों में प्रशासन के द्वारा शिविर लगाकर दस्तावेज संबंधित समस्याओं का निराकरण किया गया था।जिसके बाद प्रशासन द्वारा शिविर लगाना बंद कर दिया गया।लेकिन अब भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां के बैगा आदिवासियों के पास विभिन्न प्रकार के दस्तावेज नहीं है और वे दस्तावेजों को बनाने के लिए यहां से वहां भटकते नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा शासन प्रशासन से शिविर लगाए जाने की मांग की गई है