दिगम्बर जैन मंदिर में श्रावक सँस्कार शिविर जारी

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नगर के दिगंबर जैन मंदिर में श्री दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के तत्वाधान में 2 मई से 10 दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन किया गया है जिसका समापन 11 मई को किया जाएगा। यह परम् पूज्य आचार्य भगवन 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के मङ्गल आशीर्वाद एवं पू निर्यापक श्रमण 108 श्री सुधासागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में प्रतिदिन प्रातः 8 बजे सामूहिक पूजन, प्रातः 8:30 से बड़ों के लिये आचार्य समन्तभद्र स्वामी द्वारा रचित रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रँथ की कक्षा एवं बच्चों की क्लॉस सन्त भवन में जैन धर्म की प्रारंभिक शिक्षा के भाग 1, 2, 3 लगायी जा रही है। जिसके बाद दोपहर 3 बजे से बच्चों को छहढाला एवं बड़ों के लिए तत्वार्थ सूत्र की कक्षा। रात्रि 8 बजे से सामूहिक आरती एवं पाठ रात्रि 8:30 से आचार्य प्रवर पूज्यपाद स्वामी रचित इष्टोपदेश ग्रँथ की कक्षा सन्त भवन में बच्चों की क्लॉस लगाई जा रही हैं। बच्चों के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम , चित्रकला ,रांगोली प्रतियोगिताओं के माध्यम से सर्वागीण विकास का प्रयास किया जा रहा है। जो श्रमण सँस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर से आमन्त्रित विद्वान आनंद जैन शास्त्री प्रयागराज एवं आर्जव जैन शास्त्री फिरोजाबाद द्वारा लगाया जा रहा है। इस शिविर के माध्यम से छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिये पूजन प्रशिक्षण, विभिन्न विषयों पर धार्मिक शिक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सर्वांगीण विकास हेतु प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। इस शिविर में दिगम्बर जैन पँचायत कमेटी के निर्देशन में नवयुवक मण्डल महिला मण्डल सखी मण्डल एवं संयम मण्डल का सराहनीय योगदान है।

पदमेश से चर्चा में शिविर संयोजक निवेश जैन ने बताया कि परम पूज्य आचार्य भगवन 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के मङ्गल आशीर्वाद एवं पू निर्यापक श्रमण 108 श्री सुधासागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से श्रावक शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें विद्वान श्री आनंद जैन शास्त्री एवं आर्जव जैन शास्त्री द्वारा धर्म की शिक्षा की कक्षा लगायी जा रहा है। शिविर में छोटे छोटे बच्चों को प्रतिदिन पूजन अभिषेक प्रशिक्षण दिया जा रहा है छोटे छोटे बच्चों ने जैन धर्म के संकल्पों नियमों को ग्रहण करते हुए जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक किया गया। श्रावक के संस्कारों का बीज रोपण किया जा रहा है जो इनके जीवन में बड़ा सकारात्मक प्रभाव डालेगा। शिविर के समापन पर पढ़ाये गये धर्म ग्रन्थों की धार्मिक परीक्षाएँ 10 एवं 11 मई को ली जाएंगी एवं सभी परीक्षार्थियों को शिविर के प्रमाण पत्र एवं पुरुस्कार वितरित किये जायेंगे।