दिवाली का त्योहार नजदीक आते जा रहा है। इधर प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। सभी शहरों में इसका असर दिखाई देने लगा है। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ रहा है। राजधानी और एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में एयर इंडेक्स 268 रिकॉर्ड किया गया, जो खराब कैटेगरी में है। एनसीआर के शहरों में सबसे अधिक प्रदूषण गाजियाबाद में 297 दर्ज किया गया। शनिवार को 321 एयर इंडेक्स था।
पानीपात सहित अन्य शहरों का हाल
रविवार को पंजाब के अधिकतर शहरों में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दिखाई दी। लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में एक्यूआई का स्तर 200 से अधिक रहा। कई शहरों में 250 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। इस हवा में सांस लेना काफी खतरनाक होता है। हरियाणा के शहरों का हाल भी ऐसा है। यहां करनाल, करुक्षेत्र में एक्यूआई 250 से अधिक रहा। वहीं पानीपत में सबसे अधिक 298 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज हुआ।
पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण
गौरतलब है कि धान कटाई का सीजन अंतिम चरण में है। धान कटाई के बाद गेहूं बीजने के लिए पराली जलाई जाती है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलने शुरू हो गई है। पराली जलने से खुली हवा में सांस लेना कठिन हो जाता है। सांस संबंधी रोगियों को अधिक परेशानी होती है। पराली जलने आगे नहीं रुकी को प्रदूषण रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
दिवाली पर सांस और दमे के मरीज बरते यह सावधानी
1. दिवाली पर सांस और दमे के रोगी घर के बाहर नहीं निकले।
2. इन्हेलर अपने पास ही रखें। कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
3. दिवाली की रात और अगली सुबह खासतौर से घर से बाहर नहीं जाएं। तब प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है।
4. घर के अंदर एयर प्यूरिफायर लगा सकते है।
5. खासतौर पर जिन्हें एलर्जी की परेशानी है, वो सावधानी बरतें।